MP Vidhan Sabha : मध्य प्रदेश विधानसभा में आज जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इसे लेकर सदन का बायकॉट तक कर दिया जबकि सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने भी सरकार को इस मुद्दे को लेकर घेरा। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया और इसके बाद खुद विधानसभा अध्यक्ष ने भी सरकार से इस मामले में समुचित कार्रवाई करने के लिए कहा।
जल जीवन मिशन को लेकर हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना मध्य प्रदेश में विवादों में है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में इस योजना को लेकर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के साथ साथ सत्ता के सदस्यों ने भी इस योजना को कटघरे में खड़ा कर दिया। भाजपा विधायक संजय पाठक ने अपने क्षेत्र में योजना के पूरा हुए बिना योजना पूरे होने के प्रमाणीकरण देने के आरोप विभाग के अधिकारियों पर जड़ दिए। उन्होने मंत्री से मांग की कि भोपाल से अधिकारी भेजकर इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। सत्ता पक्ष की ओर से लहार के विधायक अंबरीश शर्मा ने भी अपने क्षेत्र में योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही के आरोप लगाए। इसके साथ-साथ भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने भी योजना के कारण हो रहे ग्रामीण क्षेत्र के गड्ढों का मुद्दा जोर-जोर से उठाया और इसके कारण लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर भी ध्यान आकर्षित किया।
विपक्ष ने की जाँच की मांग, सरकार ने दिया ये जवाब
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह ने इस पूरे मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा करने का आग्रह किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने इस पूरे मुद्दे पर जब चर्चा की बात कही और उन्हें सभापति की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला तो कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन का बहिर्गमन कर दिया और बाद में बाहर आकर सरकार के विरोध में नारेबाज़ी की। उमंग सिंगार ने कहा कि यह घोटाला शिवराज सरकार के समय अंजाम दिया गया और यह 20000 करोड़ रुपए का घोटाला है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की कि इस पूरे घोटाले की जांच कराएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
वहीं दूसरी ओर विभागीय मंत्री की ओर से जवाब दे रहे संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोरोना और आचार संहिता के चलते जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठकर समय पर नहीं हो पाई हैं और भी आज ही सभी जिलों के कलेक्टरों को उनकी समीक्षा करने के निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि योजना में अगर कहीं भी गड़बड़ी पाई जाएगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह इस पूरे जल जीवन मिशन की समीक्षा को लगातार न केवल जिले बल्कि राज्य स्तर पर भी क्रियान्वित करें ताकि योजना सफल ढंग से अपने अंजाम पर पहुंच सके।