भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 1 अगस्त से मध्यप्रदेश में कॉलेज एडमिशन (College Admission) की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और इस दौरान सरकार ने छात्रों को जाति प्रमाण पत्र को लेकर बड़ी राहत दी है। अगर छात्रों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बना है तो इस साल उच्च शिक्षा विभाग ने छूट देते हुए उन्हें अपने पिता का जाति प्रमाण पत्र लगाने की अनुमति दी गई है।
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कॉलेज में एडमिशन के दौरान अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को अपना जाति प्रमाण पत्र देना होता है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में कई छात्रों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाए हैं। इसीलिए उच्च शिक्षा विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र में छात्रों की परेशानी कम करते हुए उन्हें अपने पिता का जाति प्रमाण पत्र लगाने की छूट दी दी है। वहीं अगर किसी के पास डिजिटल प्रमाण पत्र नहीं हैं तो पहले जारी किया गया वैध जाति प्रमाण पत्र भी मान्य किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने मूल निवासी प्रमाण पत्र को लेकर भी बड़ी सहूलियत दी है और कहा है कि अगर किसी छात्र ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई मध्य प्रदेश से ही की है तो फिर उसे मूल निवास प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने के बाद भी अगर 10वीं और 12वीं की परीक्षा किसी और प्रदेश से उत्तीर्ण की होगी तो फिर मूल निवासी प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा।