अपने विधायकों ने ही बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, बिगाड़ सकते हैं चुनावी गणित

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भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए सहयोगी विधायक चुनौती बन गए हैं| विधानसभा चुनाव में बहुमत न मिलने के बाद सहयोगियों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार तो बना ली| लेकिन सहयोगी विधायकों के तेवर बार बार कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं| पहले मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने के बाद अब इन विधायकों ने लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाया है| 

दरअसल, सरकार को समर्थन दे रहे बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा हो या जय युवा आदिवासी शक्ति (जयस) नेता व कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर अड़े हैं। सुरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी के लिए खंडवा से टिकट मांगा है और खिलकर संभावित प्रत्याशी अरुण यादव का विरोध किया है| साथ ही अगर टिकट नहीं दिया गया तो निर्दलीय चुनाव लड़ाने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं| अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी| एक तरफ चुनाव में कांग्रेस के वोट कटेंगे और बीजेपी के साथ ही निर्दलीय शेरा भी चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनौती बनेंगे| वहीं यही नाराजगी आगे रही तो सरकार से समर्थन वापस लेने पर भी विचार कर सकते हैं| 

कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते जयस नेता व विधायक डॉ. हीरा अलावा अपने संगठन के लिए चार लोकसभा क्षेत्रों धार, खरगोन, रतलाम-झाबुआ और बैतूल के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया। पहली सूची में बैतूल और रतलाम-झाबुआ सीटों के प्रत्याशियों का एलान कर दिया। डॉ. अलावा धार और खरगोन सीटों के प्रत्याशियों के एलान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। डॉ. अलावा ने जयस को सीटें नहीं मिलने पर चेतावनी दी है कि फिर संगठन चारों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा और वे उनके समर्थन में प्रचार करेंगे। साथ ही भाजपा में जाने का भी विकल्प है| अगर ऐसा हुआ तो चार सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी और सरकार को दिए गया समर्थन खटाई में पढ़ सकता है| वहीं दमोह लोकसभा सीट में आने वाली पथरिया विधानसभा से बसपा विधायक रामबाई विस चुनाव के बाद से ही कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रही थीं। अब तक हुए दो विधानसभा सत्रों में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों पर दबाव बनाया, और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की मांग की थी, जिस पर उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद का आश्वासन मिला था| लेकिन हाल ही में एक कांग्रेस नेता की हत्या के मामले में उनके पति व परिजनों के आरोपी बनाए जाने के बाद वे और विचलित हुई हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वे प्रचार कर सकती हैं| 


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