भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते महिनों हुए सियासी उठापटक के चलते 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों (Teacher) का भविष्य अधर में लटक गया है। 2018 से शुरू हुई शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) लगभग तीन साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है और अब साल 2020 भी बीतने को है, ऐसे में इस शैक्षणिक सत्र में शिक्षक बनने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों को निराशा ही हाथ लगेगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूल लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है। इसी को देखते हुए करीब 8 सालों बाद 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 (MP Teacher Eligibility Test 2018) का आयोजन किया था, इसके बाद कांग्रेस की सरकार (Congress Government) आ गई और उन्होंने सितंबर 2019 में रिजल्ट घोषित कर दिया।इसके तहत प्रदेश में करीब 40 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 20500 ही पद स्वीकृत किए ।
इसको लेकर 1 जनवरी 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की, जिसमें उच्च माध्यमिक शिक्षक के 15 हजार और माध्यमिक के 5670 पदों पर भर्ती होना थी, इसके लिए 1जुलाई 2020 से प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के अभ्यार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरु हुआ जो 3 जुलाई 2020 तक जारी था, लेकिन कोरोना के चलते शासन ने इसे रोक दिया जो अबतक शुरु नही हो पाई है।
खास बात ये है कि शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने बैठक की थी, जिसमें स्कूलों को मार्च तक बंद करने और 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा ना कराने को लेकर तो फैसला हुआ लेकिन नियुक्ति को लेकर कोई चर्चा नही हुई, जिसके चलते अभ्यर्थियों में आक्रोश पनपने लगा है।अधिकारियों का कहना है कि अभी कोई विभाग से आदेश नही मिले है, ऐसे में माना जा रहा है कि मप्र के स्कूलों को इस शैक्षणिक सत्र में भी नियमित शिक्षक नहीं मिल पाएंगे और शिक्षक बनने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों को कुछ समय और इंतजार करना पड़ेगा।
इस तरह चली प्रदेश में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया
10 सितंबर 2018 को विज्ञापन जारी हुआ
1 से 11 फरवरी तक चली उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
16 फरवरी से 10 मार्च तक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
28 अगस्त को उच्च माध्यमिक शिक्षक रिजल्ट आया
26 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षक का रिजल्ट आया
1 जुलाई से उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू हुई।
4 जुलाई को लोक शिक्षक संचालनालय ने परिवहन की समस्या बताकर इस प्रक्रिया को तीन दिन बाद ही रोक दिया गया, जो अबतक रुकी हुई है।