मप्र के सरकारी कर्मचारियों का वेतन अटका, यह है कारण

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भोपाल| साॅफ्टवेयर में कर्मचारियों का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं होने कारण सरकारी कर्मचारियों का वेतन अटक गया है| राजधानी के 35 हजार समेत प्रदेश के 1.75 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को अप्रैल में मिलने वाली मार्च की सैलरी नहीं मिल सकेगी।  आयुक्त काेष एवं लेखा ने सभी संयुक्त संचालकों एवं समसत कोषालय अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि काेष एवं लेखा संचालनालय के साॅफ्टवेयर में कर्मचारियों के मोबाइल नंबर जब तक रजिस्टर नहीं होंगे, तब तक वेतन नहीं मिलेगा|

इस आदेश के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है| कर्मचारी संघ ने इसका विरोध किया है, लक्ष्मीनारायण शर्मा, उपाध्यक्ष, तृतीय वर्ग कर्मचारी सघ का कहना है कि कई विभागों के डीडीओ ने समय पर सूचना नहीं दी। हमें जानकारी तय समय पर मिलती ताे मोबाइल नंबर दर्ज करा देते। अब डीडीओ की गलती का खामियाजा हम क्यों भुगतें| वहीं प्रदेश में लाखों और भोपाल के 35 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को मार्च की सैलरी अटक गई है| अभी कर्मचारियों से संबंधित वेतन आहरण, व्यक्तिगत दावाें की मंजूरी एवं आहरण आवेदन की मंजूरी समेत अन्य जानकारी साॅफ्टवेयर आईएफएमआईएस के तहत मोबाइल पर एसएमएस से भेजी जाती है। इसलिए  इस सॉफ्टवेयर में सभी कर्मचारियों के सही मोबाइल नंबर कराना जरूरी है। इसके बाद ही अगला वेतन आहरित किया जाएगा।  मोबाइल नंबरों को आहरण अधिकारी यानी डीडीओ द्वारा वेरिफाई किया जाएगा। कर्मचारियों को अपनी जानकारी ऑनलाइन अपडेट करना होगी, खुद लोग इन कर ऑनलाइन अपनी जानकारी कर्मचारियों को फीड करना होगी इसके बाद वेतन दिया जाएगा| 

इस आदेश के खिलाफ कर्मचारी संघों ने आयुक्त कोष एवं लेखा से फिलहाल सैलरी नहीं रोकने की मांग की है। इस सरकारी फरमान के जारी होने के बाद मचे हंगामे के बाद आयुक्त महेश गुप्ता ने देर रात स्पष्ट किया कि 31 मार्च तक जो माेबाइल नंबर दर्ज नहीं हाे जाएं, तो डीडीओ कारण बताते हुए आहरण कर सकते हैं। उनके माेबाइल नंबर आगामी महीने में दर्ज किए जा सकेंगे। कर्मचारी संघ ने फिलहाल इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है| 


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