MP के तीन सीनियर अफसरों ने CM मोहन यादव से मांगी नई जिम्मेदारी, कांग्रेस ने कसा तंज

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MP News : मध्य प्रदेश में नई सरकार ने जिम्मेदारी संभाल ली है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक्शन मोड में आ गये हैं, पहली ही बैठक में लाउड स्पीकर की तेज आवाज, खुले में और अवैध तरीके से मांस बिक्री पर प्रतिबंध, जमीन की रजिस्ट्री होते ही तत्काल नामांतरण जैसे जनता से सीधे जुड़े मामलों पर सख्ती दिखाकर उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं, लेकिन अब सरकार के अंदरूनी ढांचे और मंत्रिमंडल गठन की जिम्मेदारी की तरफ भी उन्हें ध्यान देना है, इस बीच मध्य प्रदेश के तीन बड़े अधिकारियों ने सीएम से एक डिमांड रखकर कांग्रेस को एक मुद्दा दे दिया है।

दरअसल जब नई सरकार का गठन होता है तो स्वाभाविक है कि मुख्यमंत्री से सीधे जुड़े सीनियर अधिकारियों और मंत्रालय में पदस्थ अन्य बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारियों में परिवर्तन होता है ये एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यदि अधिकारी ही खुद के लिए नई जिम्मेदारी दिए जाने की पहल करें तो मामला कुछ अलग हो जाता है।

मध्य प्रदेश में ऐसा ही कुछ हुआ है, प्रदेश में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से कहीं ज्यादा सीटें (163) जीतकर फिर सरकार बना ली लेकिन पार्टी ने मुख्यमंत्री बदल दिया, शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ मोहन यादव को ये जवाबदारी दे दी, अब जबकि नए मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सरकार के सीनियर अधिकारियों से पूरी प्रक्रिया समझ रहे हैं ऐसे में मुख्यमंत्री के सबसे नजदीक तीन सीनियर अधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर उन्हें वर्तमान दायित्व से मुक्त कर नई जिम्मेदारी देने का आग्रह किया है।

किन तीन सीनियर अधिकारियों ने सीएम से मांगी नई जिम्मेदारी? 

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, एडीजीपी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार और मुख्यमंत्री के ओएसडी अंशुमन सिंह (आईपीएस)  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात उन्हें इन जिम्मेदारियों से हटाकर कोई अन्य जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया है, इन अधिकारियों का तर्क है कि नई व्यवस्था में विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं इसलिए बदलाव होना चाहिए।

कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर क्यों साधा निशाना?

अब इन अधिकारियों ने आगे बढ़कर एक स्वस्थ पहल की है तो कांग्रेस को भाजपा सरकार पर तंज कसने का मौका मिल गया, कांग्रेस के प्रदेश मीडिया विभाग के चेयरपर्सन केके मिश्रा ने मप्र की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल हैडिंग के साथ एक्स पर लिखा – पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान पदस्थ उनके PS  मनीष रस्तोगी, ADG इंटेलिजेंस आदर्श कटियार और OSD अंशुमनसिंह ने नए CM डॉ मोहन यादव से मिलकर उन्हें अलग दायित्व सौंपने का आग्रह किया, ताकि विश्वसनीयता प्रभावित न हो।

अधिकारियों की निष्ठा को लेकर कांग्रेस ने क्या कहा?

केके मिश्रा ने आगे लिखा – नि:संदेह ये तीनों ही अफसर बेहद काबिल, ईमानदार हैं किंतु यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या काबिल अफसरों की निष्ठाएं संविधान को समर्पित होती हैं या किसी व्यक्ति विशेष को? यह भी सच है कि किस अफसर को कहां पदस्थ किया जाए, यह CM का विशेषाधिकार है किन्तु उक्त चर्चा सार्वजनिक मुद्दा बन जाए तो लोक कल्याणकारी सरकार की भावनाओं और प्रशासनिक कार्यशैली पर गंभीर सवालिया निशान है?

कितने समय से इन पदों पर ये अधिकारी?

आपको बता दें कि जब कांग्रेस की सरकार गिरी थी और 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की फिर शपथ ली थी तब से मनीष रस्तोगी मुख्यमंत्री के पीएस हैं, एडीजीपी आदर्श कटियार 27 मार्च 2020 से इस इस पद पर हैं,  बहरहाल अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इन अफसरों के अनुरोध को स्वीकार करते हैं या फिर इनके प्रशासनिक अनुभवों का लाभ लेने के लिए अनुरोध नजरंदाज कर देते हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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