Uma Bharti on liquor ban : शराब विरोध को लेकर उमा भारती लगातार चर्चाओं में हैं। पहले उन्होने भोपाल के एक मंदिर में डेरा डाला, फिर ओरछा में शराबबंदी के लिए मधुशाला को गौशाला में बदलने के अपने ऐलान के तहत शराब की दुकान में गाय बांध दी थी। इसी कड़ी में मंगलवार को उन्होने ट्वीट करते हुए ओरछा में शराब दुकानों के लिए स्थानीय सांसद और विधायक को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन बुधवार को उन्होने ट्वीट करते हुए अपने उस बयान पर सफाई दी है।
अपनी टिप्पणी पर दी सफाई
उमा भारती ने एक के बाद एक 5 ट्वीट करते हुए कहाा है कि उनकी टिप्पणी व्यक्तिगत नहीं थी और ये सिर्फ दो लोगों पर लागू नहीं होती। उन्होने ट्वीट में लिखा है कि ‘मैंने ओरछा की शराब की दुकान को लेकर जो टिप्पणी यहां के सांसद एवं विधायक को लेकर करी है वह केवल सिर्फ दो लोगों पर लागू नहीं होती क्योंकि यह व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है। यह बात तो पूरे प्रदेश पर लागू होती है ग्रामीण क्षेत्र में पंच से लेकर सांसद तक और शहरी क्षेत्र में पार्षद से लेकर सांसद तक, यह तो जनप्रतिनिधियों की ही जिम्मेदारी थी कि वह महिलाओं का सम्मान, सुरक्षा, नौजवानों के स्वास्थ्य एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन दुकानों को ऐसे गलत स्थानों पर खुलने ही नहीं देते। वह जनप्रतिनिधि हैं उन्होंने सरकार को चुना है, सरकार की बात उन्हें जनता तक नहीं बल्कि जनता की बात उन्हें सरकार तक पहुंचाना है। मध्यप्रदेश की वर्तमान की यह घिनौनी शराब नीति से यह साबित हो गया कि वह अपने कर्तव्य में फेल हो गए। अब जो नई शराब नीति आने वाली है उसमें सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा इन जनप्रतिनिधियों की है क्योंकि मध्यप्रदेश की जन भावनाएं शराब के खिलाफ हैं। मेरी अपील है कि नई शराब नीति में आप एक सशक्त पहरेदार की भूमिका निभाइए।’
एक दिन पहले किए ट्वीट
वहीं मंगलवार को उन्होने जो ट्वीट किए थे, उसमें साफ साफ कहा था कि ओरछा से शराब दुकानें नहीं हटने का कारण वहां की गलत जानकारी प्रस्तुत करना है और इसके लिए पूरी तरह यहां के सांसद और विधायक दोषी हैं। उन्होने एक दिन पहले कहा था कि ‘ओरछा की शराब की दुकान न हट पाने का रहस्य खुल गया, हमारी सरकार ने जब बंद करने का नोटिस दिया तो तीन बातें गलत तरीके से प्रस्तुत की गई। इतनी जानकारी इकट्ठी करने के बाद मैं यहां के सांसद एवं विधायक को शत-प्रतिशत इसके लिए दोषी मानती हूं , वह दोनों हमारे मुख्यमंत्री जी को सत्य से अवगत ही नहीं करा पाए, अब मैं इन दोनों से बात करूंगी, क्या इन्हें राम का नाम लेने एवं रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार है। यह तर्क दिया गया कि यह ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर से 1 किलोमीटर से ज्यादा दूर है। यह नहीं लिखा गया कि यह रामराजा सरकार के मंदिर के प्रवेश द्वार के मुहाने पर है एवं रोड के मध्य से सिर्फ 17 फीट की दूरी है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटक वहीं से प्रवेश करते हैं।’
उमा भारती लगातार शराबबंदी को लेकर मुहिम चला रही हैं और इसी दौरान ये सुगबुगाहट भी हुई कि वो मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है। लेकिन इसे लेकर भी उन्होने साफ किया कि वो न तो सीएम के विरोध में हैं न ही प्रदेश सरकार के। उनकी दुश्मन सिर्फ शराब है। हाल ही उन्होने कहा कि नई शराब नीति को लेकर उन्होने अपने परामर्श मुख्यमंत्री को भेजे हैं। ऐसे में उमा के कभी गर्म तो कभी नर्म तेवर देखकर समझ पाना मुश्किल है कि आखिर उनके मन में चल क्या रहा है।
2.A) यह बात तो पूरे प्रदेश पर लागू होती है ग्रामीण क्षेत्र में पंच से लेकर सांसद तक और शहरी क्षेत्र में पार्षद से लेकर सांसद तक, यह तो जनप्रतिनिधियों की ही जिम्मेदारी थी कि वह महिलाओं का सम्मान, सुरक्षा…
— Uma Bharti (मोदी का परिवार) (@umasribharti) February 8, 2023