Vishwas Sarang hit back at Congress : मध्यप्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में विपक्ष नर्सिंग मामले को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। इस मामले पर अब मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है ये सारा षड्यंत्र किया गया है और वो जल्द से जल्द इसका पर्दाफ़ाश करेंगे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि फटे हुए ग़ुब्बारे में हवा भरने से ग़ुब्बारा उड़ता नहीं है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के आरोप पूरी तरह झूठे और निराधार हैं और वो जल्द ही इस षड्यंत्र को सबसे सामने लाएँगे।
नर्सिंग मामले पर कांग्रेस हमलावर, जयवर्धन सिंह ने लगाए आरोप
बता दें कि कि नर्सिंग घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह सहित पूरी कांग्रेस सदन में चर्चा की मांग कर रही है। विपक्ष ने मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा भी मांगा है। वहीं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विश्वास सारंग द्वारा विधानसभा में दी गई गलत जानकारी का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि ‘नर्सिंग कॉलेज महाघोटाला मध्यप्रदेश का व्यापाम पार्ट 2 है। आज भी प्रदेश के लाखों युवा जिन्होंने पूरी फ़ीस भरी है वो न्याय के लिए भटक रहे। न 2020 से उनकी प्रथम वर्ष से आगे प्रमोशन हो पाई ना उनको डिग्री मिल पाई। अभी तक सिर्फ़ कुछ कॉलेज संचालक जिन्होंने रिश्वत दी थी उन्हें गिरफ़्तार किया है। लेकिन मध्य प्रदेश शासन के बड़े बड़े लोग मंत्री से लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार तक जिन्होंने फ़र्ज़ी कॉलेजों को संबद्धता और मान्यता दी उन पर कार्रवाई कब होगी?’
विश्वास सारंग ने आरोपों को ग़लत बताया
इस मामले में अब विश्वास सारंग की मीडिया से बात करते हुए सारे आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में षड्यंत्र हुआ है और वो इसके पीछे के लोगों तक पहुँच गए हैं। वो जल्द ही इस, षड्यंत्र का खुलासा करेंगे। उन्होंने काम कि ‘दो दिन पहले नर्सिंग मामले में विस्तृत चर्चा हुई थी, विधायकों के सवालों का प्रूफ के साथ जवाब दिया लेकिन कांग्रेस बिना तथ्यों के आरोप लगा रही है। कांग्रेस अनर्गल आरोप लगाकर पंचर गुब्बारे में हवा भर रही है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया की जवाबों में असत्यता थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तथाकथित पत्र के बाद विश्व विद्यालय द्वारा मान्यता दी गयी, जबकि मान्यता और सम्बद्धता में अंतर है। नर्सिंग काउंसिल मान्यता देती है। विधायक जयवर्धन मान्यता और सम्बद्धता में अंतर नहीं जानते। जिस पत्र की बात हो रही है उसपर मेरे नहीं बल्कि कार्यालय के हस्ताक्षर है। इस पत्र में कोरोना काल, ई लाइब्रेरी, विश्व विद्यालय से सम्बद्धता को लेकर पुनर्विचार की बात लिखी है। उस पत्र में कहीं भी विश्वविद्यालय को सम्बद्धता देने के लिये निर्देशित नहीं किया गया है।’
कहा- कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए लगा रही है आरोप
मंत्री सारंग ने कहा कि ‘विश्व विद्यालय कार्यपरिषद की बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्राप्त है, जिन्होंने विवि की शुल्क जमा की है एवं मूलभूत सुविधाओं को काँसिल ने सही पाया है उन्हें मान्यता दी गयी। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए हमारे कार्यालय की ओर से पत्र पुनर्विचार के लिये पत्र लिखा गया था, जिसमें कहीं भी निर्देश नहीं दिए गए। मलय कॉलेज को मान्यता हमने नहीं दी, 11 जनवरी 2019 को विजयलक्ष्मी साधो द्वारा मान्यता दी गयी। जयवर्धन कह रहे हैं कि मलय कॉलेज का मालिक जेल में है, तो वो बताएं कि मालिक को जेल क्यों भेजा गया। सदन में हमारे सारे जवाब तथ्यात्मक हैं जिनके प्रूफ हमने सदन में दिए हैं। मैंने कभी नहीं कहा कि सुनीता सीजू की नियुक्ति कांग्रेस के कार्यकाल में हुई। कांग्रेस की सरकार ने सुनीता सीजू को असिस्टेंट रजिस्ट्रार होने के बावजूद रजिस्ट्रार के अधिकार दिए। कांग्रेस सिर्फ़ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए नर्सिंग मामले में यह आरोप लगा रही है। मैं जल्द ही इस षड्यंत्र के पीछे के लोगों का खुलासा करूंगा।’