भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) द्वारा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ( MP Board of Secondary Education) की 10वीं के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के ऐलान के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार का बड़ा बयान सामने आया है।स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा इस वर्ष आयोजित नहीं की जाएगी। 10 वीं बोर्ड के परीक्षाएं पहले ही न करने का फैसला लिया था। अगर 12 वीं का कोई बच्चा बेहतर परिणाम या सुधार के लिये परीक्षा देना चाहेगा तो उसके लिये विकल्प खुला रहेगा। कोरोना संकट समाप्त होने के बाद वो 12 वीं की परीक्षा दे सकेगा।
MP Board :10वीं के बाद अब 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द, इस आधार पर होगा मूल्यांकन
स्कूल शिक्षा मंत्री परमार (Inder Singh Parmar) ने कहा कि प्रदेश के किसी भी विद्यार्थी को घबराने की जरूरत नहीं है। बारहवीं कक्षा का रिजल्ट वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा तैयार किया जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई विद्यार्थी संतुष्ट नहीं होता है, तो उसके लिए परीक्षा का विकल्प भी रखा जाएगा। प्रदेश के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएँ जायेंगे।सभी विद्यार्थियों के सफल और सुरक्षित जीवन के लिए शुभकामनाएँ दी है।
स्कूल शिक्षा मंत्री परमार (School Education Minister)ने कहा कि वर्तमान हालातों को मद्देनजर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री का सदैव यह मत रहा है कि विद्यार्थियों का भविष्य एवं उनका स्वास्थ्य दोनों ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएँ होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर छात्र-छात्राओं के हितों में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय का प्रदेश सरकार ने समर्थन किया है।
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स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि ने कहा कि हमारा प्रदेश (Madhya Pradesh) भी कोरोना की चपेट में आया और हमारे अपने कई लोग बिछड़ गए। कई विद्यार्थियों के अभिभावक इस दुनिया में नहीं रहे और वे तनाव का जीवन जी रहे हैं। 12वीं की परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों में अनिश्चितता का वातावरण था, उसे समाप्त करते हुए प्रदेश सरकार ने 12वीं की परीक्षा नहीं कराने का निर्णय लिया। कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव विद्यार्थियों और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर पड़ने की अधिक संभावना है, इसलिए यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
मध्यप्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा इस वर्ष आयोजित नहीं की जाएगी। बच्चों की जिंदगी हमारे लिये अनमोल है, ऐसे समय जब पूरा देश और प्रदेश कोरोना का संकट झेल रहा है तब बच्चों पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ डालना उचित नहीं है।
— इन्दरसिंह परमार (मोदी का परिवार) (@Indersinghsjp) June 2, 2021
10 वीं बोर्ड के परीक्षाएं पहले ही न करने का फैसला लिया था। अगर 12 वीं का कोई बच्चा बेहतर परिणाम या सुधार के लिये परीक्षा देना चाहेगा तो उसके लिये विकल्प खुला रहेगा। कोरोना संकट समाप्त होने के बाद वो 12 वीं की परीक्षा दे सकेगा: ।
— इन्दरसिंह परमार (मोदी का परिवार) (@Indersinghsjp) June 2, 2021
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री @Indersinghsjp ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय लिया है। pic.twitter.com/ngnloIwIf8
— School Education Department, MP (@schooledump) June 2, 2021