इंदौर।
मध्यप्रदेश(madhya pradesh) सरकार को ले कर चल रही रस्साकशी के बीच एक नया दांव सामने आ रहा है। जिसमें राज्यसभा के भाजपा(bjp) उम्मीदवार पर नामकंन निरस्त होने का खतरा मंडरा रहा है। जिसके विरोध में अब न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की गयी है। प्रदेश से भाजपा की तरफ से राज्यसभा उम्मीदवार डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दायर कर अपने इस्तीफे पर शासन से तत्काल निर्णय लेने की मांग की है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को आदेश दिया है कि तत्काल इस पर निर्णय ली जाए।
उल्लेखनीय है की मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए भाजपा की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(jyotiraditya scindia) तथा प्रो. डॉ.सुमेर सिंह(prof. sumer singh) को टिकट दिया है। सोलंकी बडवानी स्थित शहीद भीमा नायक शासकीय स्नात्तोतर महाविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर थे। गौरतलब है कि जैसे ही राज्य सभा उम्मीदवार के रुप में उनके नाम की घोषणा हुई उन्होनें तत्काल महाविद्यालय के प्राचार्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। प्राचार्य ने इस्तीफा शासन को भेज दिया है। राज्य शासन द्वारा इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस कारण उनका नांमाकन निरस्त हो सकता है। इसी के मद्देनज़र डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने हाईकोर्ट(highcourt) की इंदौर(indore) बैंच के समक्ष पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी और अभिभाषक सुदर्शन जोशी के माध्यम से शुक्रवार को याचिका पेश की। इस याचिका में उन्होंने सिविल सर्विसेस नियम 1976 के प्रावधानों को चुनौती देते हुए इस्तीफा स्वीकार किए जाने हेतु कोर्ट से निवेदन भी किया है। कोर्ट ने इस याचिका पर शासन को नोटिस जारी करते हुए अंतिरम राहत के तौर पर उनके इस्तीफे पर 13 मार्च को ही निर्णय लेने हेतु आदेशित किया है और कोर्ट को 16 मार्च को लिए गए निर्णय से अवगत कराने को कहा गया है।