भोपाल।
कोरोना(corona) संकट काल में अपने घर वापसी के लिए महाराष्ट्र से निकले मजदूरों ने मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर एक बार फिर चक्का जाम कर दिया है। मध्य प्रदेश(madhya pradesh) की सीमा में प्रवेश न देने पर मजदूर आक्रोशित हो गए एवं आंदोलन करने लगे। जिसके बाद प्रशासन उन्हें समझाइश देने में जुटा है।मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है।
दरअसल शनिवार को महाराष्ट्र से निकले मजदूर एक बार फिर मध्य प्रदेश की बॉर्डर(border) पर पहुंचे। सुरक्षा गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें राज्य सीमा के अंदर प्रवेश ना देकर उन्हें मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र बॉर्डर(madhyapradesh-mahrashtra border) सेंधवा के पास रोका जा रहा था। हालांकि प्रशासन द्वारा उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी। जहां स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें राज्य सीमा के अंदर लाने की बात चल रही थी। किंतु राज्य सीमा पर रोके जाने के बाद मजदूर आक्रोशित हो गए एवं घर पहुंचने की मांग को लेकर आंदोलन करने लगे। जहां उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया। जिसके बाद सेंधवा एसडीएम और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे व मजदूरों को समझाने में लगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जबकि मजदूर घर पहुंचने देने की जिद में आंदोलन पर बैठे हैं।
वहीं दूसरी तरफ शिवपुरी -झांसी हाईवे(shivpuri jhansi highway) पर मध्य प्रदेश के रास्ते वापस यूपी जा रहे हैं मजदूरों को यूपी पुलिस ने रोक दिया है। जिसके बाद मजदूरों ने हाइवे पर हंगामा शुरू कर दिया। बता दे कि शुक्रवार को कुल 300 वाहन में 4000 प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान एवं मध्य प्रदेश से वापस अपने घर लौट रहे थे। जहां सीमा चौकी पर यूपी पुलिस द्वारा उन्हें रोक देने के बाद मजदूरों ने बड़े-बड़े पत्थरों से हाईवे का रास्ता जाम कर दिया। जिसके बाद दतिया कलेक्टर रोहित सिंह एसपी अमन सिंह राठौर सहित उत्तर प्रदेश के झांसी के कलेक्टर एवं एसपी भी मौके पर पहुंचे। जहां अधिकारियों के बीच बातचीत होने के बाद मजदूरों के काफिले को आगे बढ़ने दिया गया। दतिया कलेक्टर ने कहा कि झांसी में लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने से प्रशासन सख्त है। मजदूरों को समझाइश देने के बावजूद वह नहीं माने। हालांकि प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था कर रहा है। वहीं यूपी प्रशासन से बातचीत कर मजदूरों को राज्य सीमा के अंदर प्रवेश दी जा रही है।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब मजदूरों ने प्रशासन के खिलाफ चक्का जाम किया है। इससे पहले भी गुरुवार को मजदूर राजमार्ग पर चक्काजाम कर चुके हैं। देशव्यापी को रोना संकटकाल के बीच हजारों प्रवासी मजदूर अन्य जगह पर फंसे हुए हैं। आर्थिक सहायता न मिलने की वजह से हम परिवार से दूर होने के बाद लॉक डाउन के बीच हो जल्द से जल्द अपने घरों को पहुंचना चाह रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद अब उन लोगों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन द्वारा घर पहुंचाया जा रहा है।