Heatwave: उत्तर भारत में आज से नौतपा की शुरुआत हो गई है। इसका मतलब है कि आने वाले नौ दिनों तक लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। चिलचिलाती धूप और हीट वेव (heat wave) की वजह से लोगों का हाल बेहाल होने लगा है। इस दौरान अपनी ख्याल रखना बेहद जरूरी है क्योंकि यह लू आपकी जान भी ले सकती है।
दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। शनिवार यानी 25 मई से नौतपा की शुरुआत हो चुकी है, जिसके कारण आने वाले नौ दिनों तक लोगों को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ेगा। गर्मी और लू के थपेड़ों की वजह से कई जगह लोगों की मौतें भी हो रही हैं। मौसम विभाग ने भी लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों को गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है। बुजुर्गों और बच्चों को गर्मी से खास सावधानी बरतने की जरूरत है।
लू यानी हीट वेव कई कारणों से घातक हो सकती है। मुख्य कारण है शरीर के आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने में असामर्थ्य। लंबे समय तक अत्यधिक तापमान के संपर्क में रहने से गर्मी और लू हीट एग्जॉस्शन और हीट स्ट्रोक का कारण बन सकती है। हीट एग्जॉस्शन तब शुरू होता है जब शरीर पसीने के जरिए बहुत ज्यादा पानी और नमक बाहर निकाल देता है। इसके लक्षण हैं, बहुत ज्यादा पसीना आना कमजोरी, मतली, भटकाव, मांसपेशियों में ऐंठन।
हीट स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक तक पहुंच जाता है। यह तब होता है जब तीव्र शारीरिक गतिविधि के दौरान या लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने पर शरीर पसीने के जरिए खुद को ठंडा करने में असमर्थ होता है।
लू से होने वाले नुकसान
लू से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह शरीर के तापमान में खतरनाक वृद्धि का कारण बनता है, जिससे अंगों को नुकसान हो सकता है और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। लू गर्मी से संबंधित बीमारियों, जैसे हीट क्रैम्प्स और हीट थकावट का कारण बन सकती है। लू चिड़चिड़ापन, आक्रामकता और एकाग्रता में कमी का कारण बन सकती है।
लू से बचाव के उपाय
दिन भर में भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं। ढीले-ढाले, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें। जब बाहर तापमान बहुत अधिक हो, तो घर के अंदर या छाया में रहने की कोशिश करें। ज़ोरदार गतिविधियों से बचें, खासकर गर्म दिनों में। ठंडे पानी से नहाना या ठंडे पानी से स्पंज करना शरीर को ठंडा रखने में मदद कर सकता है। यदि आपके पास एयर कंडीशनिंग है, तो इसका उपयोग घर को ठंडा रखने के लिए करें। बुजुर्ग और बच्चे लू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उन पर विशेष ध्यान दें। यदि आपको चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, या अत्यधिक पसीना आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)