Health: उंगलियों के सुन्न होने के 4 खतरनाक कारण, कहीं आप तो नहीं करते इन्हे इग्नोर

Health: उंगलियों का सुन्न होना अक्सर मामूली समझा जाता है, लेकिन यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। यहां जानिए उंगलियों के सुन्न होने के 4 खतरनाक कारण और समझें कि क्या आप इन्हें अनदेखा तो नहीं कर रहे।

भावना चौबे
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Health: कई बार ऐसा होता है कि काम करते समय हमारी उंगलियां सुन्न हो जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। दरअसल इसके पीछे कई गंभीर कारण छिपे हो सकते हैं। अक्सर लोग इस समस्या को आम समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन बार-बार उंगलियों के सुन्न होने को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

बार-बार उंगलियों का सुन्न होना एक गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। अगर आप भी हर कभी ऐसा महसूस करते हैं कि आपकी उंगलियां सुन्न हो रही है तो इसे नजरअंदाज ना करें बल्कि डॉक्टर की सलाह लें। आज हम आपको बताएंगे की उंगलियां सुन्न होने के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं तो चलिए जानते हैं।

डायबिटीज (Diabetes)

उंगलियों के सुन्न होने के पीछे डायबिटीज भी एक बड़ा कारण हो सकता है। डायबिटीज के कारण शरीर की नसें खराब हो जाती हैं, जिससे हाथ पैरों में सुन्नपन,दर्द और कमजोरी महसूस होने लगती है। इस बीमारी को डायबीटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) भी कहा जाता है।

कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome)

उंगलियों के सुन्न होने के पीछे कार्पल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है। यह बीमारी काफी आम है। जब कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome) होता है तो अक्सर अंगूठा, तर्जनी और मध्य उंगली सुन्न हो जाती हैं। इसके अलावा उंगलियों में झुनझुनाहट, जलन और दर्द भी महसूस होने लगता है।

संक्रमण (Infection)

कभी-कभी उंगलियां में सुन्नपन कुछ संक्रमण की वजह से भी हो सकता है। जैसे कि लाइम रोग, सिफलिस (Syphilis) एचआईवी (HIV) आदि। यह बीमारियां शरीर की नसों को नुकसान पहुंचा सकती है। जिसकी वजह से हाथ पैरों में सुन्नपन महसूस हो सकता है।

रुमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)

रुमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) एक ऐसी बीमारी है जिससे शरीर की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही जोड़ों पर हमला करती है। इस बीमारी में जोड़ों में सूजन दर्द और कोमलता होती है। कई बार इस बीमारी की वजह से हाथों और उंगलियों में झुनझुनाहट सुन्नपन और जलन भी महसूस हो सकता है।

(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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