भारत में बनी इस नई तकनीक से TB की जांच होगी अब आसान, मरीजों को मिलेगी राहत

इस नई तकनीक के माध्यम से मरीज अब घर के करीब भी आसानी से टीबी की जांच कर पाएंगे। जिससे उनका समय भी बचेगा, साथ ही साथ धन की भी बचत होगी। इस नई तकनीक से टीबी के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।

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Health: अब आईसीएमआर ने टीबी की जांच के लिए एक नई छोटी एक्स-रे मशीन बनाई है। इससे लोग अब जल्दी और आसानी से TB की जांच करा पाएंगे।

अब आपको बार-बार जांच के लिए दूर-दूर के अस्पताल में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस एक्स-रे मशीन से पास के ही किसी जगह पर जांच हो सकेगी और बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाएगी।

देसी हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन

आईआईटी कानपुर और आईसीएमआर ने मिलकर एक सस्ती और देसी हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन बनाई है, जो विदेशी मशीनों से आधी कीमत में मिलेगी। इस मशीन से टीबी की जांच अब आसानी से मरीजों के घर के पास ही हो सकेगी, जिससे गरीब और आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों को खास फायदा होगा। साथ ही भारत ने एमपॉक्स के लिए तीन टेस्ट कीट भी बनाई है, जिन्हें तीन अलग-अलग कंपनियां बना रही है, ताकि बीमारी की जांच और इलाज और भी आसान हो सके।

लक्षणों की अनदेखी

टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जो माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक के बैक्टीरिया से फैलती है। इसे 1882 में जर्मनी के वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने खोजा था। भारत में टीबी का इलाज आसानी से मिल जाता है। लेकिन कई लोग इसके लक्षणों के बारे में अब तक सचेत नहीं है, इसी वजह से जब तक बीमारी बढ़कर गंभीर नहीं हो जाती है लोग तब तक इसे नजरअंदाज करते रहते हैं। यही एक सबसे मुख्य कारण है, कि टीबी के मामले अभी भी सामने आते हैं।

भारत में टीबी अब भी एक बड़ी समस्या

भारत में टीबी अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। हर साल टीबी के नए मामले सामने आते रहते हैं। सरकार ने 2025 तक इस बीमारी को खत्म करने के लिए एक कार्यक्रम भी शुरू किया है। जिसमें टीबी की रोकथाम के उपाय शामिल है। लेकिन फिर भी उम्मीद के मुताबिक टीबी के मामले कम नहीं हो रहे हैं, इसका एक बड़ा कारण यह है कि कई लोग इलाज पूरा नहीं करते हैं और बीच में ही छोड़ देते हैं। जिससे बीमारी दोबारा फैलने लगती है और जड़ से खत्म नहीं होती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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