Health: बच्चों में भेंगापन एक आम समस्या है, जिसका समय पर पता लगाना और इलाज करवाना बहुत ही आवश्यक है। यह स्थिति तब होती है जब बच्चे की आंखें सही तरह से एक साथ देखने में असमर्थ होती हैं। भेंगापन न केवल बच्चों की दृष्टि को प्रभावित करता है बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक जीवन पर भी असर डालता है।
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए भेंगापन के सामान्य कारण लक्षण और उपचार ऑप्शन के बारे में बताएंगे। इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि कैसे माता-पिता अपने बच्चों में भेंगापन की समस्या को पहचान सकते हैं और समय पर डॉक्टर की सहायता ले सकते हैं।
मायोपिया (Myopia)
मायोपिया एक आम दृष्टिदोष है जो खासकर बच्चों में ज्यादा दिखाई देता है। इस स्थिति में बच्चों को दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में दिक्कत होती है। ऐसे में दूर की चीजों को साफ देखने के लिए अपनी आंखों पर अधिक जोर डालते हैं। यह समस्या आमतौर पर अनुवांशिक कारण या लगातार नजदीकी काम करने जैसे की किताबें पढ़ना या कंप्यूटर पर काम करना यह कारण होते हैं।
हाइपरोपिया (Hyperopia)
हाइपरोपिया एक आंखों की समस्या है जिससे आने वाली रोशनी रेटिना के पीछे फॉक्स होती है न की उसपर। इस कारण से बच्चे को पास की चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में मुश्किल होती है। दूर की चीज देखने में उन्हें कम समस्या होती है। आंखों को पास की वस्तुओं पर फोकस करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है इसलिए बच्चे अक्सर आंखें भेंगी करके देखने लगते हैं।
पुरानी आदत (Habitual)
कुछ बच्चों में आंखों की किसी समस्या के ठीक होने के बाद भी भेंगा देखने की आदत लग जाती है। यह आदत आसानी से नहीं छुट्टी है और बच्चे लगातार आंखें भेंगी करके देखता रहता है। इसका यह कारण है कि जब बच्चे लंबे समय तक भेंगापन से पीड़ित रहते हैं, तो उनके मस्तिष्क आंखों के गलत संरेखण को सामान्य मान लेती है। इस वजह से भले ही आंखों की समस्या ठीक हो जाए लेकिन दिमाग पुराने पैटर्न पर ही काम करना जारी रखता है।