भारत में बढ़ रहा Monkeypox का आंकड़ा, दिल्ली में मंकीपॉक्स का तीसरा मामला, एक की मौत, जानें कब आएगी वैक्सीन

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में Monkeypox का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पूरे देश में मंकीपॉक्स के मामले बढ़कर 8 हो चुके हैं। वहीं देश में इस वायरस के लक्षण वाले व्यक्ति की मौत हो गई है। दिल्ली में अब तीन मंकीपॉक्स से ऐक्टिव मामले हो चुके हैं, जिसके सरकार तैयारियां भी शुरू कर चुकी है। मंगलवार को दिल्ली में नाइजीरिया से आए एक व्यक्ति में इस वायरस की पुष्टि हुई है। इससे पहले में राजधानी में 2 मामले आ चुके हैं। यह वायरस अब तक दुनिया के 77 देशों में अपने पाँव फैला चुका है और अब भारत में भी इसके खतरे की घंटी बजने लगी है। इस जानलेवा वायरस को लेकर भारत सरकार भी अलर्ट हो चुकी है। और इस वायरस की देख-रेख के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक टीम का भी गठन किया है। इस टीम की कमान नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल संभाल रहे हैं।

यह भी पढ़े… जबलपुर : घायलों से मिलने पहुंचे साँसद राकेश सिंह ने कहा-अस्पताल हादसे के दोषियो पर होगी कठोर कार्यवाही

वैक्सीन जल्द आ सकती है

आज मंकीपॉक्स के टीके को लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अदार पूनावाला ने केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री से मुलाकात की। उन्होनें यह कहा की फिलहाल मंकीपॉक्स के वैक्सीन पर रिसर्च जारी है। उन्होनें मीडिया के बात करते हुए कहा की, दुनिया के कुछ देशों में मौसम और अन्य कारणों के करण मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। लेकिन हमारी टीम वैक्सीन पर रिरच कर रही है, जो कुछ महीनों में उपलब्ध भी सकता है। वैक्सीन का इस्तेमाल वायरस संक्रमित इलाकों में किया जाएगा।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"