नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ने गुरुवार को जानकारी दी कि पश्चिमी देशों में मंकीपॉक्स के प्रकोप की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए वह अपने संगठन की आपातकालीन समिति की एक बैठक बुलाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक WHO गैर-स्थानिक देशों में मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार और पैमाने के बारे में चिंतित थे। लेकिन अब वह पश्चिमी देशों के बारे में गहन चर्चा करेंगे और इसके रोकथाम से लिए निर्णय लेंगे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 60 देशों में 7,000 से अधिक मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। मंकीपॉक्स कुछ मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में नोट किया गया था और अब गैर-स्थानिक देशों में भी इसका पता लगाया जा रहा है। WHO के महानिदेशक के अनुसार उनकी टीमें डेटा का बारीकी से जाँच कर रही हैं। साथ ही आपातकालीन समिति को फिर से बुलाने की योजना बनाई जा रही है ताकि वर्तमान स्थिति और प्रकोप का स्तर, और उपायों के कार्यान्वयन पर अपडेट हो सकें।
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रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक योजना 18 जुलाई के सप्ताह के दौरान या इससे पहले हो सकती है। पिछले हफ्ते में कई गुना इसके मामले बढे थे लेकिन WHO ने कहा कि अभी आपातकाल घोषित करने की आवश्यकता नहीं है। हाल के प्रकोप ने वैश्विक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के दोहरे मापदंडो को दिखा रहा है। अभी तक अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स वर्षों से एक स्वास्थ्य समस्या रहा है, लेकिन जैसे ही यह पश्चिमी देशों को प्रभावित करना शुरू किया है। स्वास्थ्य संगठन हरकत में आ गए हैं।
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रिपोर्ट्स के अनुसार अफ्रीका में मंकीपॉक्स से इस साल अब तक 70 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जबकि अन्य देशों में इस वायरस से किसी की भी मौत नहीं हुई है। डब्ल्यूएचओ ने भी स्वीकार कर लिया है कि कई वर्षों से मंकीपॉक्स बीमारी की उपेक्षा की की जा रही थी। जिसकी वजह से अफ्रीका पीड़ित था लेकिन अब अन्य देश भी पीड़ित हो रहे हैं।