डायबिटीज़ के मरीज़ भी अब ले सकेंगे आम का मज़ा, लखनऊ CISH ने कर दिखाया कमाल।

Gaurav Sharma
Published on -

हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। अगर आप आम खाने के शौकीन हैं लेकिन डायबिटीज़ (diabetes) की वजह से खा नही पाते हैं, तो आपके लिए दिल खुश करने वाली खबर आई है। लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (central institute of subtropical horticulture) के शोधकर्ताओं ने आम की नई ऐसी प्रजातियां विकसित की हैं जो की ना केवल खाने में स्वादिष्ट है बल्कि कैंसर और डायबिटीज (cancer and diabetes) जैसी बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता (protect) बढ़ाने में भी मददगार है। इन प्रजातियों के नाम है अरुणिका (Arunika) और साहेब पसंद (Saheb Pasand) ।

डायबिटीज़ के मरीज़ भी अब ले सकेंगे आम का मज़ा, लखनऊ CISH ने कर दिखाया कमाल।

Transfer In MP: मध्य प्रदेश में अधिकारियों के थोकबंद तबादले, यहां देखें लिस्ट

पहले बात करते हैं आरुणिका की। संस्थान के शोधकर्ताओं ( researchers) ने बताया है कि अरुणिका नाम की इस हाइब्रिड प्रजाति के आम में भारी मात्रा में बायो एक्टिव कंपाउंड (bio-active compounds) हैं जो कि इसे औषधीय प्रकृति (medicinal properties) का बनाते हैं। मैंगीफेरिन (mangiferin) और लियोपोल (lupeol) नाम के बायोएक्टिव कंपाउंड इसे डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए उपयोगी बनाते हैं।

रेड ब्लश रंग (red blush colour) के इस आम में पाए जाने वाले बायो एक्टिव कंपाउंड शरीर में पहुंच कर आंतों (intestine) में गुलुकोज (gulucose) के अवशोषण (absorption) को रोकते हैं जिससे ब्लड गुलुकोज की मात्रा (leads to lower blood glucose levels) में कमी आती है। केवल इतना ही नहीं इसमें मौजूद मैंगीफेरिन ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर (breast and colon cancer) जैसी गंभीर बीमारियों के खिलाफ भी शरीर की सुरक्षा करता है।

वैक्सीनेशन करवाने पर उपहार में दिया पौधा, जिला जज की अनोखी पहल

CISH के शोधकर्ताओं के मुताबिक लियोपोल की भारी मात्रा युक्त एक और वैरायटी का आम जो संस्थान में विकसित किया गया है वह है “साहेब पसंद”। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह आम की सबसे मीठी प्रजाति बताई जा रही है। अगर इस आम के औषधीय गुणों की बात करें तो यह सूजन, गठिया, मधुमेह, हृदय रोग (cardiovascular disease), गुर्दे की बीमारी (renal disease), यकृत विषाक्तता (hepatic toxicity), माइक्रोबियल संक्रमण (microbial infections) और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में शरीर की क्षमता को बढ़ाता है।

CISH के निदेशक (director) शैलेंद्र राजन ने यह भी बताया कि संस्थान द्वारा विकसित किए गए इन हाइब्रिड आमों की प्रजातियों से निश्चित ही निकट भविष्य में ना केवल बेहतर पैदावार (yield) की उम्मीद की जा रही है बल्कि किसानों के लिए इनसे बेहतर आय (better income) भी उत्पन्न होगी। केवल इतना ही नहीं इन प्रजातियों के औषधीय गुण निश्चित ही देशवासियों के शरीर को स्वस्थ बनाने में भी मददगार साबित होंगे।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News