नई दिल्ली ,डेस्क रिपोर्ट। लासा फीवर (Lassa fever ) के कारण 11 फरवरी को एक व्यक्ति की मौत हो गई । सूत्रों के मुताबिक यह बीमारी पश्चिम अफ्रीका के देशों से फैल रही है , नाइजीरिया ( Nigeria ) में पहला लासा फीवर का केस सामने आया था । हालांकि इस बीमारी के कारण मृत्यु दर काफी कम है , लगभग 1% है। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए इसके खतरे ज्यादा है । लासा फीवर वायरस से फैलने वाली एक बीमारी है।
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सबसे पहले इसे लासा में 1969 में खोज गया था । यह बीमारी चूहों से फैलती है , इसके मामले फिलहाल पश्चिम अफ्रीका के देशों में देखने को मिल रहे हैं । इस बीमारी से एक व्यक्ति तभी संक्रमित हो सकता है , यदि वह किसी ऐसे पदार्थ के सेवन करें जिसमें पहले से ही हो मल मूत्र -मिल चुका हो। जिसके बाद यदि कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो , यह वायरस आंख, नाक या मुंह के माध्यम से दूसरे शरीर में ट्रांसफर होता है ।
क्या है इसके लक्षण?
इसके लक्षण आमतौर पर 1-3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। हल्का बुखार, थकान, कमजोरी और सिरदर्द और अधिक गंभीर लक्षण जैसे रक्तस्राव, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, चेहरे की सूजन, छाती, पीठ और पेट में दर्द और झटका इसके शुरुवाती लक्षण हो सकते हैं। बता दें कि मृत्यु लक्षणों की शुरुआत के दो सप्ताह से हो सकती है। इसके कई मामलों मे देखा गया की रोगी के शरीर के कुछ अंग खराब हो गये । वायरस से उभरने के बाद भी इसमे बहरेपन के मामले सामने आए हैं ।