World Glaucoma Day 2024: आंखों की रोशनी छीन लेता है ग्लूकोमा, जानिए कैसे करें इससे अपनी आंखो का बचाव!

World Glaucoma Day 2024: हर वर्ष वर्ल्ड ग्लूकोमा डे पर लोगों को आंखों के काले मोतिया यानी ग्लूकोमा बीमारी के खतरों से अवगत कराने का संकल्प दिया जाता हैं, जो आंखों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आपको बता दें हर साल 12 मार्च को World Glaucoma Day मनाया जाता है।

Rishabh Namdev
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World Glaucoma Day 2024: आंखों का सुरक्षित होना हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आँखों को शरीर के सबसे नाजुक अंगो में से एक माना जाता है। इसमें होनी वाली बिमारियों से बचाव करना भी बहुत जरूरी होता है। वहीं इस संदर्भ में, हर साल 12 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व ग्लूकोमा दिवस (World Glaucoma Day) का आयोजन उन खतरों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है, जो आंखों की बीमारियों में से एक, ग्लूकोमा के खिलाफ होता है। इस मौके पर, हम आंखों की इस बीमारी के खिलाफ सक्रिय भागीदारी के महत्व को समझने के लिए आज इस लेख में हम आपको इसके बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

क्या होता है ग्लूकोमा?

दरअसल ग्लूकोमा आंखों की एक गंभीर बीमारी में से एक है। दरअसल इससे आंखो को सुरक्षित रखने के लिए कई सावधानियां बरतना पड़ती है। आपको बता दें ग्लूकोमा, जिसे काला मोतिया भी कहा जाता है, इसका इलाज अगर समय पर नहीं किया गया, तो यह आंखों की रोशनी को छीन सकता है। वहीं ग्लूकोमा का कारण आंख के अंदर पैदा होने वाले अत्यधिक दबाव या तरल पदार्थ का जमाव भी हो सकता है। वहीं यह दवाओं के बुरे प्रभाव, उच्च रक्तचाप, और डायबिटीज से भी हो सकता है।

ग्लूकोमा के क्या है लक्षण:

दरअसल जब ग्लूकोमा होता है, तो आंखों की रोशनी में कमी होने लगती है, इससे खासकर धीरे-धीरे धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके साथ ही, आंखें लाल हो सकती हैं, सिरदर्द हो सकता है और जी मचलाना भी इसका एक बढ़ा लक्षण हो सकता है।

बचाव और उपचार:

ग्लूकोमा के खिलाफ सावधानी रखना जरूरी है इसके लिए लोगों को नियमित आंखों की जांच करवानी चाहिए। इसका इलाज समय पर करना महत्वपूर्ण है, ताकि आंखों को नुकसान पहुंचने से बचा जा सके। ऐसी समस्या होने पर व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

World Glaucoma Day को मनाकर लोग ग्लूकोमा के खतरों से सचेत होते हैं और अपनी आंखों की सुरक्षा में सक्रिय भागीदारी करते हैं। ग्लूकोमा एक गंभीर बीमारी है जो आंखों को क्षति पहुंचा सकती है, लेकिन जागरूकता और सही समय पर इलाज से इससे बचा जा सकता है। इस विश्व ग्लूकोमा दिवस पर हम सभी को अपनी आंखों की देखभाल में सक्रिय रूप से भागीदारी लेने का संकल्प करना चाहिए।

(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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