शिमला: हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की अब खैर नहीं। प्रदेश सरकार एक Intelligent Traffic Management System (ITMS) लागू करने जा रही है, जिसके बाद सड़कों पर कैमरों की तीसरी आंख हर गतिविधि पर नजर रखेगी। नियम तोड़ने पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों की मदद से वाहन की पहचान कर ई-चालान सीधे मालिक के मोबाइल पर भेज दिया जाएगा।
यह नई व्यवस्था लाहुल-स्पीति और देहरा पुलिस जिले को छोड़कर राज्य के अन्य सभी जिलों में लागू की जाएगी। गौरतलब है कि हिमाचल में 12 प्रशासनिक जिलों के अलावा बद्दी, देहरा और नूरपुर तीन पुलिस जिले भी हैं। इस सिस्टम के लागू होने से ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली में ट्रांसपेरेंसी आएगी और मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
कैसे काम करेगा यह ऑटोमैटिक सिस्टम?
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत प्रमुख चौराहों और सड़कों पर हाई-टेक उपकरण लगाए जाएंगे। इनमें सीसीटीवी कैमरे, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे, स्पीड डिटेक्शन सिस्टम और रेड लाइट वॉयलेशन सिस्टम शामिल हैं। यह सिस्टम ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को खुद ही रिकॉर्ड कर लेगा।
इनमें सिग्नल जंप करना, तय सीमा से अधिक गति में गाड़ी चलाना (ओवरस्पीडिंग), बिना हेल्मेट पहने दोपहिया चलाना या कार में सीट बेल्ट न लगाना जैसे उल्लंघन शामिल हैं। नियम तोड़ते ही कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर लेंगे और इसका पूरा डेटा केंद्रीय सर्वर पर सुरक्षित हो जाएगा, जिसके आधार पर इलेक्ट्रॉनिक चालान जारी होगा।
हर जिले में 24 घंटे निगरानी के लिए कंट्रोल सेंटर
इस प्रणाली को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हर जिला मुख्यालय में एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। इन सेंटरों से 24 घंटे और सातों दिन ट्रैफिक की गतिविधियों पर लाइव निगरानी रखी जाएगी। चालान की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगी और इसकी सूचना वाहन मालिक को एसएमएस के जरिए तुरंत मिल जाएगी।
सिर्फ चालान नहीं, ट्रैफिक प्रबंधन भी होगा बेहतर
इस सिस्टम से मिलने वाले डेटा का उपयोग केवल चालान काटने तक ही सीमित नहीं रहेगा। इस डेटा का एनालिसिस कर ट्रैफिक के दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। इसके आधार पर ट्रैफिक रूट की योजना बनाने, सड़कों के निर्माण और सुधार की रणनीति तैयार करने तथा जाम की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी। यह अत्याधुस्टेट ऑफ द आर्ट प्रणाली सड़क सुरक्षा बढ़ाने, ट्रैफिक जाम को कम करने और राज्य में परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।





