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Fri, Dec 5, 2025

भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करने की चेतावनी, अमेरिका ने व्यापार समझौते पर लगाई शर्त

Written by:Pratik Chourdia
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि वह रूसी तेल खरीदना जारी रखता है, तो व्यापार समझौते पर कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा।
भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करने की चेतावनी, अमेरिका ने व्यापार समझौते पर लगाई शर्त

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को चेतावनी दी है कि जब तक वह रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करता, तब तक टैरिफ और व्यापार समझौते पर कोई बातचीत नहीं होगी। लुटनिक ने कहा, “हम भारत के साथ समस्या का समाधान निकाल लेंगे, बशर्ते वे रूसी तेल खरीदना बंद कर दें।” यह बयान अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव को दर्शाता है।

हाल ही में, लुटनिक ने कहा था कि भारत इस समय 50 फीसदी टैरिफ का सामना कर रहा है और जल्द ही अमेरिकी दबाव के सामने झुक जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि एक या दो महीने में भारत बातचीत की मेज पर होगा।

रूसी तेल खरीदने पर भारत को चेतावनी

हॉवर्ड लुटनिक ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक भारत रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करता, तब तक व्यापार समझौते पर कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इस स्थिति का समाधान निकालना होगा। लुटनिक के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है।

इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने एक सप्ताह पहले कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक विशेष संबंध है। हालांकि, लुटनिक के बयान से यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के संबंधों में अंदरखाने कुछ भी ठीक नहीं है।

टैरिफ और व्यापार समझौते पर बातचीत कब होगी?

लुटनिक ने कहा कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करने के बाद ही टैरिफ और व्यापार समझौते पर बातचीत संभव है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह स्थिति अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि भारत को जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लेना होगा। इससे पहले, पीएम मोदी ने ट्रंप की भावनाओं की सराहना की थी, लेकिन लुटनिक के बयान ने इस संबंध में नई चुनौतियाँ पेश की हैं।

भारत की स्थिति पर अमेरिकी दबाव

लुटनिक ने कहा कि भारत को रूसी तेल खरीदने के मामले में गंभीरता से विचार करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत अमेरिकी दबाव के सामने झुकता है, तो यह उसके लिए फायदेमंद हो सकता है। लुटनिक ने कहा कि एक या दो महीने में भारत बातचीत की मेज पर होगा।

इस प्रकार, अमेरिका का यह दबाव भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन सकता है। भारत को इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।