नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान अब MonkeyPox ने कहर मचाया है। इसी कड़ी में चीन में इसका पहला मामला सामने आया है। बता दें कि चीन के पश्चिमी मेगासिटी चोंगकिंग पहला मामला दर्ज किया गया है। जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गया है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि, यह पॉक्स कैसे फैला और कितना असर दिखा है। जो कि कितना विनाशकारी साबित हो रहा है।
दरअसल, चीन के उस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को मेडिकल निगरानी में रखा गया है। जिसे चिकित्सकों द्वारा उचित उपचार दिया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बयान देते हुए कहा कि, चोंगकिंग में प्रवेश करने के तुरंत बाद मामले को नियंत्रित किया गया था और कोई सामाजिक गतिविधि नहीं हुई थी। जबकि शहर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि, चोंगकिंग का मामला पिछले हफ्ते हांगकांग में मंकीपाक्स का पहला मामला दर्ज करने के बाद आया है। जब एक 30 वर्षीय व्यक्ति जो अमेरिका और कनाडा की यात्रा के बाद फिलीपींस से आया था।
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दरअसल, मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है जो कि जानवरों में बड़ी तेजी से फैल रहा है। बता दें कि पहली बार साल 1958 मंकीपॉक्स बंदरों में पाया गया। जिसके बाद मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का प्रकोप बढ़ गया है। जोकि सीधे त्वचा, मुंह, नाक और आंखों के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। जिसके बाद ये धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है। जिसके बाद मौत हो जाती है।
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बता दें कि मंकीपॉक्स संक्रामक रोग है। जो कि मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों में भी हो सकता है। जिसका प्रमुख लक्षण बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। जिसका पता केवल 10 दिनों में चल जाता है। जिससे पूरी दुनिया में एक बार फिर भारी चिंता का विषय बना हुआ है। जिसका पहला मामला राजधानी दिल्ली में निकला था। जिससे मौत हो गई थी।
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