नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच बंद व्यापार एक बार फिर से खुलने की उम्मीद जगी है। इसके लिए पाकिस्तान ने खुद कदम उठाए हैं। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) बुधवार को भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने पर विचार करने जा रही है। पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय परिषद ने भारत से कपास (Cotton) और यार्न (Yarn) के आयात
(Import) की अनुमति दे दी है। चीनी (Sugar) के आयात के लिए मंजूरी भी जल्द ही मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस मामले पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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पाकिस्तान को है भारत की जरूरत
इस मामले पर पाकिस्तीन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने का पाकिस्तान का यह कदम उसके वस्त्रों के उत्पादन से संबंधित है, क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह विशुध्द रूप से उपयोगितावादी है, पाकिस्तान को कपड़ा उद्योग के लिए इसकी जरूरत है. अब देखना ये होगा कि पाकिस्तान भारत से व्यापार को लेकर कितना गंभीर है या पुरानी नीतियों पर ही चलेगा। बातचीत के अलावा अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात, मैं पाकिस्तान से आतंक की ओर इशारा करता हूं क्योंकि आतंकवादी संगठन अभी भी पाकिस्तान में काम कर रहे हैं और इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसे भारत के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक प्रमुख कदम रूप में देखा जा रहा है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति और दो नए केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से संबंधों को तोड़ लिया था। वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने वाले पाकिस्तान का अचानक से ये रुख चौंकाने वाला है।
जी पार्थसारथी ने कहा कि बातचीत के लिए समय लगेगा। पाकिस्तान की ओर से यह अनुमानित कदम है क्योंकि पाकिस्तान की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजदूत स्तर की बातचीत फिर से शुरू करने का भारी दबाव है।
इमरान ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा है कि जम्मूृ-कश्मीर मुद्दा सहित दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों का समाधान करने को लेकर सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। खान ने यह पत्र पाकिस्तान दिवस के मौके पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें भेजी गई बधाइयों के जवाब में लिखा है। मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्दपूर्ण संबंधों की आकांक्षा करता है, लेकिन विश्वास का वातावरण, आतंक और बैर रहित माहौल इसके लिए अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में इमरान खान ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि पाकिस्तान रके लोग भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगी संबंध की आकांक्षा करते हैं। आतंक मुक्त माहौल पर खान ने कहा कि शांति तभी संभव है, यदि कश्मीर जैसे सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए।
भारत को रहना होगा सतर्क
ओआरएफ के निदेशक, प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने कहा कि पाकिस्तान-भारत को संकेत दे रहा है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को अब और मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि दबाव का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने देश की अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी समस्या है। इमरान सरकार इस मुद्दे से निपटने में असमर्थ थी। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने किया है कि भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करना उनकी अर्थव्यवस्था पर कुछ दबाव को कम करने के उपायों में से एक हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ अपने अनुभव को देखते हुए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।