नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एलन मस्क और माइक्रो ब्लॉग्गिंग साइट ट्विटर के बीच डील कैंसिल होने के बाद अब मामला डेवलावेयर कोर्ट (Delaware Court) पहुंच गया है, जहां दोनों पक्ष अक्टूबर में ट्रॉयल पर जाएंगे। 44 अरब डॉलर की डील कैंसिल होने के बाद यह इस मामले पर पहला फैसला आया है। कोर्ट में चली लगभग दो घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को अक्टूबर तक का समय दिया है।
इस दौरान ट्विटर की तरफ से ट्रायल के सितम्बर में समय मांगा गया था, जबकि मस्क इसको लेकर फरवरी में सुनवाई चाहते थे। ट्विटर की तरफ से दलील दी गई कि मुकदमे में जितना अधिक समय लगेगा, मस्क के पास कंपनी को मामले से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में उतना ही अधिक समय होगा। उधर मस्क के वकीलों ने कहा कि उन्हें यह जांचने के लिए समय चाहिए कि क्या ट्विटर प्लेटफॉर्म पर 5 प्रतिशत स्पैम बॉट की गिनती सही थी।
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हालांकि, इसे एक तरह से ट्विटर की जीत ही माना जा रहा है। पहली सुनवाई के दौरान डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी में न्यायाधीश, कैथलीन सेंट जे मैककॉर्मिक ने कहा कि विलय लेन-देन जितना अधिक समय तक अधर में रहेगा, अनिश्चितता बढ़ती जाएगी।
इस स्थिति में हो सकती है जेल
टेस्ला के सीईओ ने अप्रैल में 44 करोड़ में ट्विटर खरीदने की डील फाइनल की थी, लेकिन ट्विटर पर स्पैम/ बॉट एकाउंट्स के चलते वह इस दौरान बहुत असहज दिखे और उन्होंने आखिरकार जुलाई तक आते-आते इसे कैंसिल ही कर दिया।
आपको बता दें कि मस्क सौदा खत्म करते हैं, तो उन्हें 1 अरब डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना देना होगा। इस दौरान डेलावेयर चांसरी कोर्ट में विलय और अधिग्रहण कानूनों के विशेषज्ञ प्रोफेसर रॉबर्ट मिलर के मुताबिक, ये जुर्माना बहुत अधिक है और अगर मस्क इसका भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें जेल भेजना अंतिम उपाय होगा।