Mountain Or Hill: क्या आप जानते हैं पर्वत और पहाड़ी में अंतर? ऐसे होता है निर्माण

Diksha Bhanupriy
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Mountain or Hill

Mountain Or Hill: भारत में घूमने के लिए कई सारी जगह मौजूद है। धार्मिक स्थल हो, ऐतिहासिक जगह, खूबसूरत पहाड़ियां, जंगल या फिर झरने घूमने के लिहाज से यहां आपको हर तरह की जगह मिल जाएगी। हमारे देश में मौजूद हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ पर्यटकों को अक्सर ही आकर्षित करते हैं। आपने कई खूबसूरत पहाड़ियां और घाटियां देखी होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि माउंटेन और हिल्स में क्या अंतर होता है। आपका ये कंफ्यूजन आज हम दूर कर देते हैं।

अगर किसी से भी पूछा जाएगा तो पहाड़ का मतलब क्या होता है तो वो यही बताएगा कि ऊंची ऊंची चोटियां जो एक हद तक सही जवाब भी है। बता दें कि माउंटेन प्राकृतिक रूप से तैयार होते हैं जो बहुत ही ऊंचे होते हैं। भू वैज्ञानिकों के मुताबिक सामान्य तौर पर माउंटेन की ऊंचाई 2000 मीटर से भी ज्यादा हो सकती है। यानी इससे ऊंचे पर्वत को पहाड़ कहा जाता है।

यहां जानें Mountain Or Hill में अंतर

ऐसे बनते हैं पहाड़

जानकारी के मुताबिक जब पृथ्वी की दो टेक्टोनिक प्लेट एक दूसरे की ओर बढ़ती है तो ये एक दूसरे के नीचे दब जाती है। ऐसे में ऊपरी सतह पर मौजूद प्लेट पृथ्वी से बाहर आकर पहाड़ का रूप ले लेती है। इस प्रक्रिया में करोड़ों साल का समय लगता है क्योंकि साल भर में पहाड़ 5 से 10 इंच तक ही बढ़ पाते हैं।

वहीं कई बाहर पृथ्वी के भूगर्भ में मौजूद लावा चट्टान खिसकने के कारण गैस का भारी दबाव पृथ्वी से बाहर निकल कर आता है इससे भी माउंटेन बनते हैं। इन पर चढ़ना मुश्किल होता है क्योंकि इनकी चढ़ाई सीधी होती है। ऐसी जगहों पर जलवायु और वनस्पति के कई प्रकार पाए जाते हैं।

ऐसे बनती है हिल्स

हिल्स की ऊंचाई माउंटेन से ज्यादा ऊंची नहीं होती, आमतौर पर ये 2000 मीटर से कम ही देखी जाती है। क्षरण या फॉल्टिंग के माध्यम से इनका निर्माण होता है और यह चढ़ने में खड़ी नहीं होती। ऊंचाई होने के बावजूद भी पर्वत की तुलना में व्यक्ति यहां आसानी से पहुंच सकता है। हिल्स कई बार देखने पर माउंटेन जैसी ही नजर आती है। देश में सतपुरा हिल्स, विंध्या हिल्स, नीलगिरी, पलानी, गरो, खासी, जैतिया, अनाईमलाई, काराकोरम कैसी कई सारी प्रसिद्ध हिल्स मौजूद है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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