छत पर चढ़ी स्कॉर्पियो, आनंद महिंद्रा भी चौके, जानिए क्या है मामला

Gaurav Sharma
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बिहार, डेस्क रिपोर्ट। बिहार के भागलपुर (bhagalpur) में एक घर ऐसा है जो आकर्षण का केंद्र(centre of attraction) बना हुआ है और उसकी चर्चा सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। दरअसल, घर के छत पर महिंद्रा की स्कॉर्पियो(Mahindra Scorpio) के आकार में पानी की टंकी(water tank) बनाई गई है, जो कि देश में चर्चा का विषेय बनी हुई है। घर में मालिक इंतसार आलम इस अजब गजब मामले को लेकर कहते है कि उन्होंने घर की पानी की टंकी (water tank) के तौर पर महिंद्रा स्कॉर्पियो(Mahindra Scorpio) को इसलिए चुना क्योंकिं उनकी वो पहली कार थी। बता दें कि स्कॉर्पियो जैसी पानी की टंकी में स्टोरेज के सामने और उसके पीछे नंबर प्लेट सेक्शन पर एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर डला हुआ है।

वहीं इंतसार बताते है कि उन्हें घर में स्कॉर्पियो जैसी पानी की टंकी बनाने के प्रेरणा तब मिली जब वो आगरा गए हुए थे,जहां उन्होंने ऐसा ही एक मॉडल देखा था। जिसे देख इंतसार बहुत खुश हुए और उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने अपने घर में पानी की टंकी को स्कॉर्पियो का लुक देने का फैसला किया, जिसमें उनके घरवालों ने भी उनका साथ दिया।

 

वहीं इंतसार ने ताज महल के शहर से अपने घर के लिए प्रतिष्ठित पानी की टंकी बनाने के लिए राजमिस्त्री को बुलाया। बता दें स्कॉर्पियो पानी की टंकी के साथ तीन मंजिला इमारत की तस्वीर सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रही है और लोग महिंद्रा के सीईओ आनंद महिंद्रा को टैग कर उनसे उनकी प्रतिक्रिया मांग रहे हैं। बता दें कि टैंक बनाने में 2.5 लाख रु खर्च हुए है।

वहीं इस पूरे मामले में यह तस्वीर ना सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, बल्कि महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्विटर के जरिए इसकी तारीफ की। आनंद महिंद्र ने ट्वीट किया कि ये फोटो उनके प्रेरक पानी के टैंक का एक स्पष्ट दृश्य देती है। अब से, हमारे किसी भी उत्पाद की ब्रांड यात्रा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक कि कम से कम एक ग्राहक उस पर अपने पानी की टंकी का डिजाइन तैयार न कर दे!

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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