छत्तीसगढ़ की शान हैं ये 6 व्यंजन, त्योहारों के मौके पर पारंपरिक अंदाज में होते हैं तैयार

भारत के राज्य अपनी विविधताओं और संस्कृतियों के लिए पहचाने जाते हैं। चलिए आज हम आपको छत्तीसगढ़ के कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों के बारे में बताते हैं, जिनका स्वाद आपका दिल जीत लेगा।

Diksha Bhanupriy
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Traditional Dishes: भारत विविधताओं से भरा हुआ एक बहुत ही सुंदर देश है। यहां एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है, जिन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं की वजह से पहचाना जाता है। हर जगह का रहन-सहन, खान पान, परंपरा और इतिहास अलग है, जो उसे दूसरी जगह से विशेष और खास बनाती है। जब आप भारत में जाएंगे तो आपके यहां हर थोड़ी दूरी पर अलग संस्कृति और परंपराओं का दीदार करने को मिलेगा।

संस्कृति परंपराओं और रहन-सहन के अलावा भारत में अलग-अलग राज्यों का खान-पान भी अलग-अलग है। छत्तीसगढ़ यहां के प्रसिद्ध राज्यों में से एक है जो अपने नजदीकी राज्य मध्य प्रदेश की संस्कृति और परंपराओं से काफी मेल खाता है। जब आप यहां जाएंगे तो आपको कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने को मिलेगा जो आपका दिल जीत लेंगे। अगर आप छत्तीसगढ़ यात्रा पर जाते हैं तो आपको कुछ व्यंजनों का स्वाद जरूर लेना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के व्यंजन (Traditional Dishes)

सब्जियों की कढ़ी

जब आप छत्तीसगढ़ जाएंगे तो आपके यहां पर सब्जियों की कढ़ी खाने को मिलेगी। अब तक आपने पकौड़े वाली या सादी कढ़ी खाई होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में सब्जियों से इसे तैयार किया जाता है। यहां शकरकंद और बैंगन जैसी चीजों की कढ़ी भी बनाई जाती है। बारिश के दिनों में लोग यहां भिंडी की कढ़ी भी खाते हैं। कई सब्जियों को यहां दही में डालकर कढ़ी बनाई जाती है।

पूरन लड्डू

अब तक आपने बेसन, मोतीचूर और बूंदी के लड्डू खाए होंगे, लेकिन छत्तीसगढ़ में आपको पूरन लड्डू खाने को मिलेंगे। इसमें आटा,घी और शक्कर को मिक्स किया जाता है। इसके बाद इस लड्डू को बूंदी की चाशनी में लपेटकर तैयार किया जाता है। त्योहार और पूजा के मौके पर इस खास तौर पर बनाया जाता है।

बोरे और बासी

यह दोनों ही व्यंजन एक ही चीज से बनाए जाते हैं लेकिन इनका स्वाद अलग-अलग होता है। इसे चावल को रात भर पानी में भिगोकर रखने के बाद दही छाछ, सब्जी, दाल, आम की चटनी, प्याज और नमक के साथ परोसा जाता है। वही जब रात के बचे हुए चावल को पानी में डूबा कर धनिया मिर्च की चटनी और मूली के साथ खाया जाता है, उसे बासी कहते हैं।

चौसेला और कतरा

जब धान की फसल आ जाती है उसके बाद नए चावल को कूटकर और उसे पीसकर फरा, चीला और चौसेला जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं। यहां कतरा भी बनाया जाता है। इन सभी व्यंजनों को नाश्ते के रूप में खाया जाता है। जिस तरह से खीर और पूरी को एक साथ खाई जाती है। उसे तरह से कतरा और चौसेला एक साथ खाया जाता है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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