जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। अपराजिता (Aparajita) का पौधा पर लगने वाला फूल सफेद रंग का होता है. इसके अलावा अपराजिता के फूल नीले भी होते हैं। वैसे अपराजिता को संस्कृत में आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा के नाम से भी जाना जाता है। सफेद फूलों वाले अपराजिता के बारे में अधिकांश लोग जानते हैं। लेकिन नीले अपराजिता के बारे में कम ही लोग जानते हैं। नीले अपराजिता के फूल भी दो तरह के होते हैं जिन्हें इकहरा फूल और दोहरा फूल कहते हैं।
खूबसूरती के लिए
अपराजिता के नीले फूल बहुत खूबसूरत लगते हैं। आसानी से लग जाने वाला ये पौधा बगीचे में लगाया जा सकता है। बारिश का समय इसके लिए सबसे मुनासिब वक्त माना जाता है।
सुख और समृद्धि
नीली अपराजिता का पौधा जहां भी लगता है वहां सुख और समृद्धि आती है। इस पौधे को धनलक्ष्मी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला माना जाता है। जिस घर के बगीचे में नीले अपराजिता के फूल लगते हैं, माना जाता है कि वहां हमेशा सुख और समृद्धि रहती है।
सेहत के लिए
अपराजिता के फूल याददाश्त को तेज करने वाले माने जाते हैं। इन फूलों के काढ़े से याद रखने की ताकत बढ़ती है। इसके पानी से नहाने से सफेद दाग जैसी स्किन की परेशानियों में राहत मिलती है। जिन लोगों को मूत्रदोष होता है उन लोगों को भी अपराजिता का काढ़ा फायदा पहुंचा सकता है।
वास्तु अनुसार दिशा
अपराजिता को सही दिशा में लगाना भी बहुत जरूरी है। वास्तु के अनुसार अपराजिता के पौधे हमेशा घर के पूर्व, उत्तर दिशा में लगाए जा सकते हैं। ईशान कोण में पौधा लगा सकें तो और ज्यादा बेहतर माना जाता है।
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है, MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।