लीची के छिलके फेंकने से पहले ये फायदे जान लें, संभालकर रखने का होने लगेगा मन

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। लीची (Litchi) का सीजन शबाब पर है। बाजार में फलों के ठेले लीची से सजे हैं। इसके स्वाद के शौकीन लीची खरीदने में पीछे भी नहीं है। लीची के रस के फायदे पर तो बहुत चर्चा होती है। पर इसके छिलके तुरंत फेंक दिए जाते हैं। पर इनके फायदे जान लेंगे तो शायद लीची के छिलके कभी फेकेंगे नहीं। बल्कि इन्हें संभालकर रखने लगेंगे। हालांकि इसके छिलके बहुत खुरदुरे से होते हैं। अजीब से टेक्सचर के होने के बावजूद इन छिलकों के कई फायदे हैं।

बनाएं फेस स्क्रब
लीची के छिलकों से आप शानदार फेस स्क्रब बना सकते हैं। बस आपको लीची को छीलने के बाद छिलके संभालकर रखने हैं। छिलकों को अच्छे से सुखा लें। जब छिलके पूरी तरह सूख जाएं तब उन्हें अच्छे से पीस लें। इन छिलकों में थोड़ा सा चावल का आटा मिलाएं। एलोवेरा और गुलाब जल भी मिक्स करें। कुछ देर ये पेस्ट चेहरे पर लगाएं और धीरे धीरे मसाज करें। पेस्ट पूरा सूखने से पहले ही हल्के हाथ से वॉश कर लें।

सख्त हिस्सों मसाज
आपने ये नोटिस किया ही होगा कि शरीर के कुछ हिस्सों की चमड़ी बहुत सख्त और काली होती है। जिसमें घुटने, टखने और कोहनी शामिल है। लीची छीलने के बाद उसके छिलके से इन हिस्सों की मसाज करें। लीची के छिलके से थोड़ा फ्रिक्शन भी आएगा और इसके रस से शरीर के ये हिस्से साफ भी होने लगेंगे।

काली गर्दन करें साफ
गर्दन और कंधे के आसपास के हिस्से को साफ करने में भी छिलके काम आते हैं। छिलके को रस की तरफ से गर्दन पर स्क्रब करें। गर्दन पर पड़ने वाले काले निशान आसानी से साफ हो जाएंगे।

एड़ियां करें साफ
एड़ी साफ करने के लिए लीची के छिलकों के पाउडर में मुल्तानी मिट्टी, बेकिंग सोडा मिक्स करें। आप चाहें तो एप्पल सिडार विनेगर भी मिक्स कर लें। इस पेस्ट को एड़ियों पर लगा कर रखें। हल्के गुनगुने पानी के साथ दस मिनट बाद वॉश कर लें। एड़ी पर जमी सख्त डेड स्किन आसानी से निकल जाएगी।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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