आज है ‘बिरयानी डे,’ अपने खास स्वाद के कारण दुनियाभर में हुई मशहूर

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज बिरयानी दिवस (Biryani Day) है। भारत में आज का दिन बिरयानी प्रेमियों के लिए खास है क्योंकि ये इस लज़्जतदार डिश को समर्पित है। पर्शिया से होते हुए बिरयानी आज पूरी दुनिया में मशहूर हो चुकी है। इसका नाम पर्शियन शब्द ‘बिरियन’ से लिया गया है जिसका अर्थ होता है ‘कुकिंग से पहले फ्राई’ और ‘बिरिंज’ यानी चावल को कहते हैं।

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आज भारत ही नहीं दुनियाभर में ये काफी लोकप्रिय डिश है। इसके सैंकड़ों वेरिएंट बाजार में मौजूद हैं। हालांकि इसकी उत्पत्ति के समय इसे मांस के साथ ही पकाया जाता था, लेकिन अब शाकाहारियों के लिए भी वेज बिरयानी के कई प्रकार मौजूद हैं। इसे बनाने की सामग्री में आला दर्जे के चावल और मांस प्रमुख होता है। अगर वेज बिरयानी है तो सब्जियां इस्तेमाल की जाती है। इसके साथ आम तौर पर देशी घी, जायफल, जावित्री, लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, बड़ी और छोटी इलायची, तेजपत्ता, धनिया और पुदीना के पत्ते, अदरक, लहसुन और प्याज शामिल होते हैं। कई बार केसर का प्रयोग भी किया जाता है। इसे दही, चटनी, कोरमा, करी या सलाद के साथ परोसा जाता है।

हमारे यहां अलग अलग प्रांत की बिरयानी मशहूर है। जहां हैदराबादी बिरयानी का अलग स्वैग है वहीं लखनवी या अवधी बिरयानी के चाहने वालों की भी बड़ी तादात है। कलकत्ता की बिरयानी अपने खास स्वाद के कारण मशहूर है वहीं कश्मीरी बिरयानी में खूब सारे ड्राइ फ्रूट्स भी पड़ते हैं। आजकल बिरयानी के कई ब्रांड्स भी बाजार में उपलब्ध है, वहीं छोटी छोटी दुकानों और फूड स्टॉल पर भी ये कई स्वाद में उपलब्ध हो जाती है। ये एक कम्पलीट फूड है और इसमें चावल, मीट, सब्जियों से लेकर मेवे और तमाम मसालों का लुत्फ मिल जाता है। इसीलिए बिरयानी के चाहने वालों की लिस्ट में लगातार इजाफा हो रहा है और ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप में भी बिरयानी ऑर्डर करने वालों की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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