Brahmaputra River : भारत कई नदियों का उद्गम स्थल माना जाता है। कुछ शहर ऐसे हैं जो नदी के किनारे बसे हुए हैं। वैसे तो हर शहर इतिहास और विरासत समेटे हुए है। हमारे देश में नदी को माता के समान दर्जा दिया गया है। यह हमारी संस्कृति है, जहां लोग नदियों को देवी मानकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। गंगा, जमुना, सरस्वती समेत अन्य कई ऐसी पवित्र नदियां है, जिनके स्पर्श मात्र से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। अमूमन आपने सभी नदियों को लोगों से माता शब्द पुकारते हुए सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी नदी के बारे में सुना है, जिसे पिता के रूप में पूजा जाता है।
जी हां, भारत में एक ऐसी नदी भी है, जिसे माता नहीं बल्कि लोग पिता के रूप में पूजते हैं। यह अपने आप में काफी ज्यादा आश्चर्यजनक बात है, क्योंकि भारत में नदियों को नारी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए बहुत ही कम लोगों को पुरुष रूप में पूजे जाने वाले नदी के बारे में जानकारी होती है। यह हमारे देश का एकमात्र ऐसा नदी है, जिसके पीछे कई सारी धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी है।
ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River)
दरअसल, इस नदी का नाम ब्रह्मपुत्र नदी है। जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि यह नदी ब्रह्मा के पुत्र रहे होंगे। लोग इन्हें पिता के रूप में पूजते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस नदी को भगवान ब्रह्मा का पुत्र माना जाता है, जहां लोग आस्था की डुबकी लगते हैं। यह नदी असम में बहती है, जिसे केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी पूजा जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी की भौगोलिक संरचना की बात करें, तो यह भारत की सबसे गहरी नदी मानी जाती है, जो कि 140 मीटर है। चौड़ाई में भी यह काफी ज्यादा है। जिसका उद्गम स्थल मानसरोवर झील के पास कैलाश श्रेणी के चेमायुंगडुंग हिमनद है, जहां से यह नदी निकलती है।
भारत की एकमात्र नदी
यह नदी तिब्बत, भारत और बांग्लादेश से होती हुई समुद्र में लीन हो जाती है। इसके लंबाई 2,900 किलोमीटर है। हिमालय से संगम तक आने के बाद यह गंगा नदी में मिल जाती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी नदियों की लिस्ट में शामिल है। अरुणाचल प्रदेश में इसे सियांग या दिहांग और बंगाल में इसे जमुना नदी के नाम से भी जाना जाता है।