ज्यादा बादाम का सेवन फायदे की जगह पहुंचाता है नुकसान, हो जाएं सतर्क

Shashank Baranwal
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Side Effects of Almonds

Side Effects of Almonds: बादाम का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई, के, जिंक और फाइबर जैसे रासायनिक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से दिमाग तेज होता है। बादाम का सेवन करने से शरीर गर्म रहता है। इसीलिए सर्दियों के मौसम में बादाम का सेवन बढ़ जाता है। हालांकि हद से ज्यादा सेवन करने से यह फायदे के बजाय शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसके ज्यादा सेवन से शरीर में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए जरूरत से ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि बादाम का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कौन कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।

कब्ज की समस्या

अगर आप जरूरत से ज्यादा बादाम का सेवन करते हैं तो कब्ज की परेशानी बढ़ जाती हैं। इससे शरीर की पाचन क्षमता खराब हो जाती है। जिससे लूज मोशन, गैस की समस्या पैदा हो जाती है।

वजन

ज्यादा मात्रा में बादाम का सेवन करने से वजन बढ़ने की समस्या बढ़ जाती है। इसमें पाया जाने वाला कैलोरी और फैट्स वजन बढ़ाने में मदद करता है। जिससे कई तरह की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप दिनभर में 5-6 से ज्यादा बादाम का सेवन करते हैं तो यह फायदे की जगह परेशानी का सबब बन जाएगी।

रक्तस्राव की समस्या

अगर आप ज्यादामात्रा में बादाम का सेवन करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने का काम करती है। जो कि रक्तस्राव की समस्या का कारण बन जाता है।

एलर्जी की समस्या

अगर आप बादाम का सेवन ज्यादा करते हैं तो इससे आपके शरीर में कई तरह की एलर्जी हो सकती है। इसके अधिक सेवन से खुजली, जीभ में सूजन आदि की समस्या हो जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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