क्या आप जानते हैं कि आपके दिमाग को समस्याएं पसंद हैं, होश उड़ा देंगे ये मनोवैज्ञानिक तथ्य

एक भी नकारात्मक चीज़ कम से कम पाँच सकारात्मक यादों को नुकसान पहुँचा सकती है। मानव मनोविज्ञान के अनुसार हमारा मस्तिष्क सकारात्मकता की अपेक्षा नकारात्मकता को अधिक याद रखता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति अपने बॉस से मिली प्रशंसा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ये ज्यादा याद रखेगा कि उसे डांट कब पड़ी थी।

Psychology

Psychological Facts : मनोविज्ञान विज्ञान की एक शाखा है जो मन और व्यवहार का अध्ययन करती है। यह विज्ञान व्यक्ति की मानसिक क्रियाओं, भावनाओं, व्यवहारों और मानसिक संचार के प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास करती है। मनोविज्ञानिक अध्ययन विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि व्यक्तित्व, सामाजिक प्रभाव, स्मृति, ध्यान, स्वप्न, और मानसिक स्वास्थ्य इत्यादि। मनोवैज्ञानिक तथ्य उन सत्यापित और प्रमाणित जानकारियों को कहा जाता है जो मनोविज्ञान के क्षेत्र में प्राप्त की जाती हैं। ये तथ्य विभिन्न तरीकों से प्राप्त किए जा सकते हैं, जैसे कि प्रयोगशाला अध्ययन, प्रयोग, सर्वेक्षण, अभ्यास आदि। इनमें से कुछ तथ्य प्रमाणित किए जाते हैं और कुछ अध्ययनों या अनुभवों के आधार पर स्वीकृति प्राप्त करते हैं। आज हम आपके साथ ऐसे ही कुछ दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य साझा कर रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक तथ्य

  1. मनोविज्ञान के एक शोध के अनुसार सत्ता भ्रष्टाचार की ओर ले जाती है। जैसे ही लोगों के हाथ में सत्ता और नियंत्रण आ जाता है, वे दूसरों को हल्के में लेना शुरू कर देते हैं। ये सत्ता किसी भी तरह की हो सकती है..पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक आदि। शक्ति के साथ अहंकार आता है और मनुष्य दूसरों की परवाह करना बंद कर देता है।
  2. मस्तिष्क को समस्याएं पसंद हैं। जी हां..ये बात हैरान कर सकती है लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, दरअसल मस्तिष्क हमेशा समस्याओं का पता लगाने का प्रयास करता है क्योंकि यह उन समस्याओं को हल करने के लिए ही बना है। यही प्रमुख कारण है कि मस्तिष्क को बार-बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  3. The Mere Exposure Effect के अनुसार लोग कुछ चीज़ों के प्रति प्राथमिकताएं विकसित करते हैं क्योंकि वे उनसे परिचित होते हैं। किसी व्यक्ति, ब्रांड या विचार के प्रति बार-बार संपर्क करने से उसके प्रति आपकी पसंद बढ़ जाती है।
  4. साथी और चीजों को चुनने के पीछे के कारक समान हैं। ऑनलाइन डेटिंग कंपनियां और ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन के लिए समान मनोवैज्ञानिक पैटर्न का उपयोग करती हैं। चाहे बात चीजों को चुनने की हो या जीवनसाथी चुनने की, निर्णय लेने वाले कारक समान होते हैं।
  5. व्यस्त रहने का मतलब है खुश रहना। खुद को काम में व्यस्त रखने से आप बेहद खुश रहते हैं। इसका कारण यह है कि व्यस्तता के दौर में जीवन की नकारात्मकता के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता।
  6. The Bystander Effect ये बताता है कि किसी इमरजेंसी के समय मौके पर जिसने जितने अधिक लोग मौजूद होंगे, मदद की संभावना उतनी कम होगी। इसका कारण जिम्मेदारी का प्रसार है और यह धारणा है कि दूसरे लोग तो सहायता कर ही देंगे।
  7. जब कोई गले लगाता है तो हमें आराम महसूस होता है और ताज़गी का एहसास भी होता है। किसी व्यक्ति को बीस सेकंड तक गले लगाने से उस व्यक्ति का विश्वास जीतने में मदद मिलती है। मन सोचता रहता है कि कोई तो है जो सचमुच हमारी परवाह करता है और हमें तनाव-मुक्त महसूस कराता है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News