आपने सिर्फ कहानियों या फिल्मों में सुना होगा कि नरक का दरवाजा कैसा होता है, लेकिन क्या आपने हकीकत में सोचा है कि यह कैसा होगा? हमारे ब्रह्मांड में कई ऐसे ग्रह हैं जिन तक हम अभी तक नहीं पहुंच सके हैं। कई लोग सिर्फ हमारे सौरमंडल के बारे में ही जानते हैं, जबकि विज्ञान इससे कहीं आगे निकल चुका है। फिर भी हम अभी तक ब्रह्मांड को पूरी तरह से नहीं जान सके हैं। लेकिन हाल ही में नासा ने एक ऐसा चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो सकते हैं। दरअसल, नासा ने आकाशगंगा में “नरक का दरवाजा” खोज निकाला है।
इस खोज के बाद वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं। यह एक बेहद बड़ी खोज मानी जा रही है और अब हर जगह नासा की इस खोज की चर्चा हो रही है। नासा ने इसे “नरक का दरवाजा” क्यों कहा है? इस खबर में जानिए इसके पीछे की वजह।

पृथ्वी से कितनी दूर स्थित है?
दरअसल, यह पृथ्वी से 52 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा M87 में मौजूद है, जहां 100 बिलियन से भी अधिक तारे हैं। लेकिन इस गैलेक्सी का केंद्र सबसे अधिक रहस्यमयी शक्ति माना जा रहा है, जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि इस ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 2.6 बिलियन गुना बड़ा है। इसे अब तक का सबसे बड़ा ब्लैक होल माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वास्तव में “नरक का दरवाजा” है क्योंकि इसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक है कि यह अपने आसपास के समय और स्थान को भी विकृत कर रहा है।
विशालकाय ब्लैक होल
M87 गैलेक्सी हमेशा से ही वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है, क्योंकि इसमें मौजूद विशालकाय ब्लैक होल ने शोधकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस आकाशगंगा की कई खासियतें हैं। इसमें प्लाज्मा का एक विशाल जेट है, जो अंतरिक्ष में हजारों प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है। इसे हमारे वैज्ञानिकों ने दशकों पहले खोजा था। इस गैलेक्सी का केंद्र रेडियो उत्सर्जन भी करता है। यह गैलेक्सी बेहद शक्तिशाली है, यही वजह है कि वैज्ञानिक लगातार इसके बारे में शोध कर रहे हैं। लेकिन इस गैलेक्सी का यह ब्लैक होल “नरक का दरवाजा” माना जा रहा है क्योंकि इसका गुरुत्वाकर्षण बल अत्यधिक शक्तिशाली है।