कपड़ों के ट्रायल से पहले देख लें, कमरे या बाथरूम में कहीं स्पाई कैमरा तो नहीं, ऐसे लगाएं पता

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। किसी ट्रायल रूम में नए कपड़े ट्राई करते हुए या फिर किसी होटल में चैक इन करने के बाद दिल और दिमाग में ये सवाल जरूर आता है कि कहीं यहां स्पाई कैमरा (spy camera) तो नहीं। स्पाई कैमरा यानि ऐसा कैमरा जो बेहद छोटा होता है। और इस तरह से लगाया जाता है कि सबको पता ही नहीं चलता कि वो कैमरे की नजर में है। वैसे तो ये जासूसी के लिए है लेकिन इसका इस्तेमाल ट्रायल रूम या होटल और पब्लिक टॉयलेट्स में भी हो सकता है। जो बाद मे किसी क्राइण का सबब बन जाता है।

हाल ही में ऐसी कुछ घटनाएं फिर सामने आई हैं जिसमें स्पाई कैमरे से लड़कियों के वीडियो बनाए जा रहे थे। इसलिए ये जान लेना जरूरी है कि स्पाई कैमरे की तलाश कैसे की जाए। कुछ टिप्स को फॉलो कर आप स्पाई कैमरे के बारे में जान सकती हैं।

इन जगहों पर करें चैक
कहीं स्पाई कैमरे का शक हो तो सबसे पहले ऐसी जगहों पर नजर घुमाएं जहां आसानी से लोग देखते नहीं है। एसी के ऊपर के हिस्से पर, घड़ी, परदे के आसपास, टीवी अगर हो तो उसके ऊपरी सिरे पर या उसके आसपास। नहाने से पहले शावर जरूर चैक करें। साथ ही दीवारों पर गौर करें कि कहीं कोई होल तो नहीं है। जहां कैमरा छुपाया जा सकता है।

अंधेरे में करें पता
स्पाई कैमरे का पता अंधेरे में आसानी से लगाया जा सकता है। जहां भी स्पाई कैमरे का डाउट हो वहां अंधेरा कर दें। स्पाई कैमरे पर हमेशा एलईडी लाइट्स लगी होती है। बहुत बारीकी से चैक कर आप उस लाइट को पकड़ सकते हैं। जिससे स्पाई कैमरे के होने का पता चल सकता है।

मोबाइल फोन से करें पता
स्पाई कैमरे को पकड़ने के लिए आपका फोन भी एक अच्छा तरीका है। क्योंकि स्पाई कैमरे से एक रेडियो फ्रीक्वेंसी जनरेट होती है। आपको जहां भी स्पाई कैमरे का शक हो उस स्थान पर नजदीक जाकर आप फोन लगाइए। अगर वाहं स्पाई कैमरा होगा तो आपको कॉल की आवाज में कुछ घरघराहट सुनाई देगी। जिससे आप स्पाई कैमरे का पता लगा सकेंगे।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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