कच्चा पपीता खाने से शरीर की कई समस्याएं होगीं दूर, आज ही अपनी डाइट में करें शामिल

papaya benefits

Papaya Benefits: पपीता स्वाद के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। वहीं कच्चे पपीता का सेवन करने से शरीर की कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। पपीता में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, प्रोटीन, फोलेट, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स (ए, सी, ई) पाए जाते हैं। आइए जानते हैं कि कच्चे पपीते का सेवन करने से सेहत से जुड़ी कौन कौन सी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

पाचन

कच्चा पपीता का सेवन करन से पाचन क्षमता सही रहती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपकी पाचन को सही रखता है। वहीं इसके सेवन से कब्ज, गैस, जैसी समस्याओं से दूर करता है। वहीं इसके सेवन से हाजमा दुरूस्त रहता है।

वजन

कच्चा पपीता का सेवन करने से आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं। इससे मौजूद पोषक तत्व वजन के साथ साथ फैट को भी कम करने में मदद करता है।

आंखों के लिए

कच्चा पपीता आंखों के लिए फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि इसमें कैरोटीनॉयड की भरपूर मात्रा पाई जाती हैं। जो कि शरीर में विटामि ए निर्माण करने में काफी मदद करता है। जिससे आंखों की समस्या नहीं होती है।

त्वचा

कच्चा पपीता का सेवन करने से आप अपनी त्वचा पर को निखार सकते हैं। इसके सेवन से दाग, धब्बे, झुर्रियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

डायबिटीज

कच्चा पपीता का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। पपीते का सेवन करने से शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोटैशियम की मात्रा कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करता है। जिससे हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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