सेहत के लिए वरदान से कम नहीं सौंफ और जीरे की चाय, जानें बनाने की विधि और फायदे

Health benefits of fennel and cumin

Health benefits of fennel and cumin: अक्सर हम सब कई बीमारियों से जूझते रहते हैं। जिनमें मोटापा की समस्या अहम होती हैं। जो कि हमारे खराब खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होती है। वहीं मोटापे के कारण शरीर में और भी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको सौंफ और जीरे का संयुक्त रूप से सेवन करके इन बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। बता दें सौफ और जीरे में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जैसे विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स होते हैं। अगर सौंफ और जीरे की चाय का नियमित सेवन करने से कई सारी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

पाचन शक्ति

अगर आप हाजमें की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप नियमित रूप से सौंफ और जीरे का सेवन करें। इससे आपकी पाचन क्षमता मजबूत होगी। जिसके कारण आप कब्ज और गैस के साथ पेट संबंधी कई सारी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन

सौंफ और जीरे का नियमित सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन की समस्या नहीं होती हैं। इसके नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर ढंग से होता है। वहीं यह यूरिक एसिड को कम करने में भी फायदेमंद साबित होते हैं। बता दें सौंफ और जीरे का संयुक्त रूप से सेवन शरीर में नए सेल्स बनाने में मदद करते हैं।

इस तरह बनाएं सौंफ और जीरे की चाय

सौंफ और जीरे की चाय बनाने के लिए आपको सबसे पहले आधे-आधे चम्मच सौंफ और जीरे को एक गिलास पानी में रात भर भिगोकर रख दें। सुबह उसी पानी को सौंफ और जीरे के साथ उबाल लें। फिर छानकर उसमें थोड़ा सा शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं। वहीं मीठा स्वाद के लिए आप इसमें गुण भी मिलाकर पी सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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