Gardening Tips : बरसात के मौसम में पौधों को डालें यह खाद, रखें ये सावधानियां

वर्षा के पानी से पौधे अच्छे ग्रोथ करते है। साथ ही इन्हें खाद की भी आवश्यकता होती है। लेकिन बरसात में पौधों को कौन सी खाद दी जाए और उसे डालने का तरीका क्या है, यह जानना बहुत ही आवश्यक है। जिससे आपके पौधों को नुकसान न हो।

Amit Sengar
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Gardening Tips : बारिश का मौसम ऐसा होता है। जिसमें पौधों की अगर ठीक से, देखभाल की जाए तो वे बहुत अच्छे से फल और फूल देते हैं। बारिश के समय पौधों को भरपूर पानी व उपयुक्त वातावरण मिलता है। लेकिन इसके साथ पौधों को सही मात्रा में खाद मिलना भी जरूरी है। यदि घर में फल, फूल और सब्ज़ियों के पौधे लगे हैं और उनकी अच्छी बढ़वार चाहते हैं, तो पौधों को जैविक खाद देना चाहिए। बारिश का मौसम ऐसा होता है जिसमें तेज बारिश गमले की मिट्टी के साथ-साथ पोषक तत्वों को भी बहा ले जाती है। यही कारण है कि इस मौसम में पौधों को बहुत ज्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

कौन सी खाद पौधों में डालनी चाहिए

गोबर की खाद

इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। गमलों और बागीचे की मिट्टी तैयार करते समय उसमें पुरानी गोबर की खाद मिलकर तैयार करके रख लें, महीने में एक बार दो-तीन मुट्ठी यही खाद दें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पौधे की मिट्टी में कभी भी ताज़े गोबर का उपयोग न करें, क्योंकि इसमें अमोनिया की मात्रा अधिक होती है जो पत्तियों को हानि भी पहुंचा सकता है।

वर्मीकम्पोस्ट

बरसात के दौरान केंचुओं से बनी वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग पौधों के लिए फायदेमंद होता है। इस खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एक और पोटेशियम भरपूर मात्रा में मौजूद होते है। पोधों की बढ़वार के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, वर्मीकम्पोस्ट मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने में भी सहायक होती है। दो मुट्टी वर्मीकम्पोस्ट को मिट्टी की सतह पर समान रूप से डालने के बाद पौधों में पानी अच्छी तरह से दें।

जिप्सम

बरसात में इसका उपयोग सभी प्रकार के पौधों पर किया जा सकता है। दो चम्मच जिप्सम पाउडर को पौधों की मिट्टी में समान रूप से मिलाएं और फिर तुरंत पानी का छिड़काव कर दें।

नीम की खली

इसमें मौजूद पोषक तत्व कीट नियंत्रण करने, मिट्टी की संरचना सुधारने और पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने में मदद करता है। एक मुट्ठी की खली पौधों के चारों ओर समान मात्रा में डालें।

खाद देते समय ध्यान रखें….

– खाद डालने से पहले जो भी घास या ऐसे पौधे अलग से उग गए हैं उन्हें गमले में हटा दें। जब पौधे की मिट्टी थोड़ी सूख जाए, तब मिट्टी में जैविक खाद डालें और ऊपर से पानी का छिड़काव अवश्य कर दें।

– मिट्टी की ऊपरी परत अलग कर थोड़ी गहराई में खाद डालें और फिर खाद को मिट्टी से ढक दें। इससे बारिश होने पर खाद बहती नहीं है।

– हर बार एक जैसी खाद न डालकर जरूरत के अनुसार बदल-बदलकर खाद दें।

– इस समय पौधों की गुड़ाई अवश्य करें जिससे उन्हें हवा मिले और मिट्टी ज्यादा समय तक गीली न रहे।

खाद देने का सही समय

जब बागीचे या गमले की मिट्टी सूखी हो, तभी पौधों को खाद दें और स्प्रे पंप से पानी का छिड़काव करें।

– बारिश के दौरान पौधों को लगातार खाद देने से बचें, क्योंकि इस समय खाद देने से पौधों में फंगस लगने का ख़तरा बना रहता है। साथ ही मिट्टी से पोषक तत्व बह सकते हैं।

– अगर मौसम खुला रहे, तब पौधों को महीने में एक से दो बार ही खाद दें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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