बारिश के दिनों में ऐसे दें फेफड़ों को मजबूती, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। बरसात के मौसम में सांस संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। क्योंकि फेफड़ों (lungs) से फिल्टर होने के बाद ही ऑक्सीजन आपके पूरे शरीर में पहुंचती हैं। ऐसे में लंग्स का खास ख्याल रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही कोरोना कमजोर लंग्स पर तुरंत अटैक करता है। जिससे सांस लेने में समस्या होने के साथ-साथ डैमेज तक हो जाते है और आपकी मौत का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा लंग्स ठीक ढंग से काम नहीं करेंगे तो आपको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, टीबी, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए आप योग व प्राणायाम फेफड़े मजबूत बना सकते हैं। आइए जानते है…

मत्स्यासन

बारिश के दिनों में ऐसे दें फेफड़ों को मजबूती, पढ़े पूरी खबर

पीठ के बल लेटकर पैरों को जोड़ें रहें। कोहनियां पास लाएं व पैरों की पालथी मार लें। सांस खींचते हुए सीना व सिर ऊपर उठाएं। शरीर का वजन कोहनियों के बल रहे। सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।

लाभ : फेफड़ों सहित सीने, गर्दन आदि में खिंचाव होता है। संपूर्ण श्वसन तंत्र दुरुस्त होता व समस्याएं दूर होती हैं।

धनुरासन

बारिश के दिनों में ऐसे दें फेफड़ों को मजबूती, पढ़े पूरी खबर

पेट के बल लेटकर घुटने मोड़ें व हाथों से चित्रानुसार टखने पकड़ें। सांस अंदर खीचें, सीना ऊपर उठाएं और हाथों से पैरों को खींचें। सामने देखते हुए ध्यान सांसों पर केन्द्रित करें। 15-20 सेकंड बाद सांस छोड़ते हुए नॉर्मल हो जाएं।

लाभ: इस आसन से फेफड़ों को मजबूती मिलती है। पीठ, कूल्हे, कंधे खुलते हैं। शरीर स्ट्रेच होता है। तनाव व थकान में राहत मिलती है। पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

भस्त्रिका

बारिश के दिनों में ऐसे दें फेफड़ों को मजबूती, पढ़े पूरी खबर

सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। गर्दन व रीढ़ एक सीध में रखें। अब एक लंबी व गहरी सांस लें। सांस लेने और छोड़ने की गति बढ़ाएं। यह आसन आंखें बंद रखते हुए भी कर सकते हैं।

लाभ: ऑक्सीजन के फ्लो में वृद्धि होती है। कार्बन डाइ ऑक्साइड का स्तर कम होता है। फेफड़े फैलते-सिकुड़ते हैं।

भुजंगासन

बारिश के दिनों में ऐसे दें फेफड़ों को मजबूती, पढ़े पूरी खबर

पेट के बल लेट जाएं व हथेलियों पर शरीर का वजन डालते हुए सिर उठाएं व इसे पीछे की ओर खींचें। सीना सामने की ओर निकालने का प्रयास करें। सामान्य सांस लेते हुए 15-30 सेकंड तक करें व सामान्य स्थिति में लौटें।

लाभ: फेफड़े, कंधे, सीने व पेट के निचले हिस्से में स्ट्रेचिंग होती है। ब्रीदिंग बेहतर होती है व तनाव दूर होता है। फेफड़े व हृदय की नसों को खुलने में मदद मिलती है।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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