सर्दियों में मेथी खाने का शौक हैं तो जान ले अत्यधिक सेवन के नुकसान, हो सकते हैं ये यह नुक़सान

Gaurav Sharma
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methi sideeffects

Fenugreek Side Effects: मौसम में जैसे जैसे ठंडक बढ़ी है तब से सब्जियों की दुकानों पर हरी साग सब्जियां खूब नजर आने लगी हैं, जिसमें से एक होती है मेथी। मेथी को आप चाहें तो पराठें बनाकर खाएं, उसका साग खाएं या फिर आप दाल भाजी बनाकर खाएं। विटामिन B6, विटामिन C, प्रोटीन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे तत्वों से भरपूर मेथी सभी की सेहत के लिए फायदेमंद होती है।

वैसे तो मेथी खाना हमेशा से ही फायदेमंद है, लेकिन जरूरत से ज्यादा मेथी खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

आइए जानें उनके बार में

डाइजेशन की दिक्कत

मेथी में फाइबर्स की मात्रा भरपूर होती है। ये फाइबर शरीर के लिए फायदेमंद तो हैं ही लेकिन जरूरत से ज्यादा फाइबर्स होने पर डाइजेशन भी गड़बड़ा सकता है और जिसकी वजह से शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है। जो निश्चित तौर पर शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

बीपी हाई होना

मेथी की पत्तियों में सोडियम भी अच्छी मात्रा में होता है, जिसकी अधिकता होने पर ब्लड प्रेशर भी हाई हो सकता है। मेथी की तासीर भी गर्म ही मानी जाती है। इस कारण से इसका अत्यधिक सेवन करने से नाक से ब्लीडिंग की शिकायत भी हो सकती है।

गैस की समस्या

मेथी शरीर में जरूरत से ज्यादा होती है तो खट्टी डकार, पेट में सूजन और गैस की शिकायत भी हो सकती है। पहले से ही इनडाइजेशन की शिकायत रहती है तो डॉक्टर से पूछ कर ही मेथी खाएं।

एलर्जी की शिकायत

कुछ लोगों को मेथी की वजह से एलर्जी भी हो जाती है, इससे चेहरे पर सूजन और दर्द भी हो सकता है। किसी चीज के कॉम्बिनेशन के साथ मेथी खाने से पहले ये जान लें कि कहीं कोई एलर्जी तो नहीं है।

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से ली गई है, किसी भी उपचार को अम्ल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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