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Sun, Dec 21, 2025

Health : शरद पूर्णिमा के दिन होती है अमृत की वर्षा, इस दिन खीर खाने के होते हैं ये गजब फायदे

Written by:Ayushi Jain
Published:
Health : शरद पूर्णिमा के दिन होती है अमृत की वर्षा, इस दिन खीर खाने के होते हैं ये गजब फायदे

धर्म, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। दरअसल इस पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग में हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार यह पूर्णिमा 9 अक्टूबर को आ रही है। खास बात यह है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी भी धरती पर आती है इसलिए इस दिन का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। शरद पूर्णिमा वाले दिन धन की देवी महालक्ष्मी उल्लू की सवारी पर सवार होकर धरती के भ्रमण के लिए आती है।

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कहा जाता है कि मां लक्ष्मी का शरद पूर्णिमा के दिन जन्म हुआ था इसलिए इस दिन का काफी ज्यादा महत्व होता है। इतना ही नहीं मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन लोग खीर बनाकर अपने घर की छत पर रखते हैं। आयुर्वेद में शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की रोशनी को अमृत के समना बताया गया है। क्योंकि शरद पूर्णिमा पर खीर खाने से स्वास्थ्य को काफी ज्यादा फायदा मिलता है। साथ ही इसके सेवन से रोग प्रतिरोधकता और आरोग्य में वृद्धि होती है। इसके कई चिकित्सकीय फायदे भी होते है।

Sharad Purnima : खुले आसमान में खीर रखने की मान्यता –

Sharad Purnima

कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों से अमृत निकलता है। दरअसल, शरद पूर्णिमा की रात को चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है। इस वजह से हर कोई पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर अपने छत पर खुला रखता है और उस खीर को अगले दिन खाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि इस खेल के सेवन से कई बीमारियों से छुटकारा भी पाया जाता है। वहीं जीवन के कष्ट भी इस खीर को खाने से दूर किए जा सकते हैं।

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इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि दूध से बनी चीज़ों को पूर्णिमा के दिन चांदी के बर्तन में ही खाना चाहिए। वैज्ञानिकों की माने तो दूध में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है ऐसे में चंद्रमा की किरणों से रोगाणुनाशक शक्ति अर्जित करता है। वहीं बात करें चावल की तो इसके स्टार्च के मिश्रण से ये प्रक्रिया और तेज हो जाती है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन इस खीर को खाने से दमा, त्वचा रोग और श्वांस रोग में काफी ज्यादा फायदा मिलता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।