लाइफस्टाइल, डेस्क रिपोर्ट। हर माता पिता की कोशिश ये होती है कि वो अपने बच्चों को हेल्दी डाइट दें। हेल्थ टिप्स (Health Tips) में आज हम इस पर बात करेंगे। माता पिता चाहते हैं कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा न्यूट्रिशन दें ताकि बच्चों की इम्यूनिटी (immunity) बढ़े साथ ही उनकी ग्रोथ (growth) भी अच्छी हो सके लेकिन इस न्यूट्रिशन को नापने का आम माता पिता के पास कोई पैमाना नहीं होता। सिवाय इसके कि उन्हें अपने बच्चे को हर डाइट में बेहतर न्यूट्रिशन देने हैं।
इस चक्कर में अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे को जरूरत से ज्यादा पोषण मिल जाता है। जिसकी शरीर को जरूरत नहीं होती। बच्चा अगर ठीक से डाइट नहीं ले रहा तब उसे एक्स्ट्रा न्यूट्रिशन की जरूरत होती है। इन सबके साथ अगर उसकी फिजिकल एक्टिविटी भी कम है तो एक्स्ट्रा न्यूट्रिशन फायदा पहुंचाएंगे या नुकासन ये भी सोचा जाना चाहिए।
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क्या है ओवर न्यूट्रिशन?
जिस तरह कम पोषण को माल न्यूट्रिशन कहा जाता है, उसी तरह जरूरत से ज्यादा पोषण भी माल न्यूट्रिशन यानि कि असंतुलित पोषण ही है। ज्यादा न्यूट्रिशन की वजह से ज्यादा बॉडी फैट जमा होने लगता है और बच्चे मोटे होते जाते हैं। इसके अलावा भी कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। पोषण कितना ज्यादा हो रहा है ये आंकने के लिए बॉडी मास इंडेक्स का आंकलन किया जाना चाहिए। साथ ही ये भी कि बच्चा फिजिकली कितना एक्टिव है।
ओवर न्यूट्रिशन के साइड इफेक्ट्स?
ज्यादा न्यूट्रिशन के साइड इफेक्ट्स हैं। बच्चों का ऑड तरीके से वजन बढ़ना। मोटापे की वजह से बच्चों की कार्डियो वस्क्यूलर खतरे यानि कि हार्ट संबंधी खतरे बढ़ जाते हैं। डाइट की यही अनियमितता कम उम्र में दिल की बीमारियों का कारण बन रही है। अक्सर कुछ माएं ये शिकायत करती हैं कि वो अपने बच्चों को पूरा पोषण देती हैं कि उनका बच्चा इतना एक्टिव हैं कि उसकी देखरेख करने में वो बुरी तरह थक जाती हैं। इसका वजह ये है कि ज्यादा न्यूट्रिशन की वजह से बच्चे हाइपरएक्टिव हो जाते हैं।
कैसे कंट्रोल करें न्यूट्रिशन?
- सबसे पहले बच्चों के पोषण को रेग्यूलेट करें। उन्हें हर समय सारा न्यूट्रिशन देने की कोशिश न करें। हर डाइट के साथ न्यूट्रिशन को डिवाइड करना जरूरी है।
- बच्चे अगर घर में ज्यादा समय स्क्रीन के सामने बिता रहे हैं तो उनकी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दें।
- एक वक्त ज्यादा पोषण और दूसरे वक्त जंक फूड देने के आदत न डालें। उन्हें बाहर का खाना या जंक फूड की जगह घर पर ही कुछ इंटरेस्टिंग चीजें बनाकर देना शुरू कर दें।
- उन्हें फ्रूट्स के विकल्प देने की जगह नेचुरल फ्रूट्स दें। मार्केट में मौजूद फ्रूट जूस या फ्रूट के दूसरे आइट्म्स पोषण गिनाते जरूर हैं लेकिन उनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। जबकि सीधे फल खाने से बच्चों को सही पोषण मिल सकेगा।
नोट : यह जानकारी सामान्य तथ्य पर आधारित हैं, बच्चों के न्यूट्रिशन में बदलाव पर पोषण विशेषज्ञ की राय अवश्य लें।