Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में दीपावली की अगले दिन मनाए जाने वाली एक महत्वपूर्ण पूजा है जो विशेष रूप से भगवान श्री कृष्णा और गोवर्धन पर्वत की महिमा से जुड़ी हुई है। इस दिन भक्तजन गाय के गोबर से भगवान गिरिराज की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान गिरिराज की नाभि पर दिया रखने का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गिरिराज जी की नाभि पर दिया रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। गोवर्धन पूजा करने के घर में सुख-शांति समृद्धि का वास होता है।
पौराणिक कथा के अनुसार
पौराणिक कथा के अनुसार गोवर्धन पूजा में गिरिराज भगवान की नाभि पर दिया घी, तेल और शहद रखने की परंपरा का विशेष महत्व है। जब बालकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था। तब बृजवासियों ने देखा कि उनकी उंगली लाल हो रही थी, तब उन्होंने कान्हा की उंगली पर घी, मक्खन, शहद और तेल लगाया।
जिससे यह चीज गोवर्धन पर्वत के मध्य भाग यानी नाभि पर घी लगने लगी तभी से गोवर्धन पूजा में भगवान गिरिराज की नाभि पर यह सामग्रियां चढ़ाने की परंपरा बनी। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से घर में अन्न और धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है और सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।