आज अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखेंगी महिलाएं, जानें करवा चौथ की शुभ कथा

यह दिन विशेष रूप से पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। करवा चौथ की शुभ कथा में सच्चे प्रेम और भक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो महिलाओं को प्रेरित करती है।

भावना चौबे
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Karwa Chauth 2024

Karwa Chauth 2024: आज देशभर में करवा चौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है। हर साल दिवाली से 11 दिन पहले मनाया जाने वाला करवा चौथ का व्रत सभी सुहागन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जो रात को चांद देखने के बाद खोला जाता है।

परंपरा अनुसार, चांद की पूजा करने के बाद महिलाएं अपने पतियों की आरती उतारती है और फिर उनके हाथों में जल और कुछ मीठा ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं। शाम को शुभ मुहूर्त में कथा भी सुनी जाती है। इस दिन कथा सुनने का विशेष महत्व होता है। इस विशेष दिन के महत्व को समझने के लिए तिथि, कथा सुनने का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय जानना आवश्यक है, ताकि सभी विधियों का पालन सही तरीके से किया जा सके।

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth 2024 Vrat Katha)

बहुत पहले की बात है। एक गांव में एक बेहद ही सुंदर और सुशील लड़की रहती थी, जो की सात भाइयों की बहन थी। भाई बहन में बहुत ही लाड प्यार था। सभी सातों भाई अपनी इकलौती बहन को खूब लाड़ करते थे। उनकी बहन का विवाह भी एक बहुत ही अच्छे घर में हुआ था। शादी के बाद बहन ने करवा चौथ का व्रत रखना शुरू किया, फिर जब करवा चौथ का दिन आया तो बहन ने अपने पति के सुखी जीवन और लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा। लेकिन सभी भाई चिंता में पड़ गए, क्योंकि इस व्रत में दिन भर भूखे प्यासे रहना पड़ता है और वह अपनी बहन को भूखा प्यासा देखकर थोड़े चिंता में पड़ गए।

वे चाहते थी कि उनकी बहन चांद निकलने का इंतजार ना करें, जल्द ही भोजन करें और परेशान ना हो। इसी के चलते सभी भाइयों ने मिलकर एक योजना बनाई और पास के पेड़ पर चढ़कर एक दर्पण की मदद से बहन को नकली चांद दिखने का विचार बनाया। उन्होंने पेड़ों के पीछे से रोशनी में एक दर्पण का उपयोग कर एक चमकदार रोशनी उत्पन्न की, जिससे ऐसा लगने लगा कि चांद निकल आया है।

जब भाइयों ने बहन को बताया कि बहन चांद निकल आया है, तो बहन ने जब आकाश की ओर देखा तो उसे वह चमक चांद की तरह ही लग रही थी। यही सोच कर उसने व्रत खोला और भोजन के लिए बैठ गई। जैसे ही उसने भोजन का एक कोर अपने मुंह में रखा, वैसे ही संदेशा आया कि उसका पति बहुत बीमार है और वह बेहोश हो गया। बहन हड़बड़ाती हुई अपने पति के पास पहुंची। वह अपने पति की हालत देखकर बहुत दुखी हुई और गिड़गिड़ा कर रोने लगी। उसने देवी मां से प्रार्थना की की उन्होंने उसके पति के साथ ऐसा क्यों किया है। आज तो उसने अपने पति के लिए व्रत रखा था और आज के दिन ऐसा क्यों हुआ।

फिर देवी मां प्रकट हुई और उन्होंने सारी सच्चाई बताई। तब बहन ने हाथ जोड़कर देवी मां से क्षमा मांगी और साल भर में पड़ने वाली सभी चतुर्थी तिथियां के व्रत किए और जब करवा चतुर्थी का दिन आया तो सच्चे मन से व्रत रखा और इस बार सही समय पर चांद निकलने के बाद ही व्रत खोला। उसकी सच्ची भावना और भक्ति से देवी मां प्रसन्न हुई और उसके पति को जीवनदान मिला। तब से यह माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ करना चाहिए तभी इसका पूरा फल मिलता है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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