Vinayak Chaturthi 2024 : विनायक चतुर्थी का हिन्दू धर्म में महत्व है, जोकि गणेश भगवान को समर्पित है। इनकी पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है। यह पर्व विशेषकर करियर में आने वाली बाधाओं से मुक्ति और समस्याओं के समाधान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग इस दिन गणेश जी की पूजा-आराधना करके अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं। वहीं, सावन महीने की विनायक चतुर्थी का यह पर्व 8 अगस्त को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 7 अगस्त को रात 10 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 8 अगस्त की देर रात 12 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार यह दिन 8 अगस्त को ही मनाया जाएगा। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
शुभ योगों का निर्माण
- सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग सभी प्रकार की कार्यों और इच्छाओं की सिद्धि के लिए उत्तम माना जाता है। इस योग में व्रत और पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होने की संभावना रहती है। यह प्रात:काल से लेकर दोपहर 12:39 बजे तक रहेगा।
- सिद्धि योग: यह योग भी किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। इसे मानसिक और भौतिक सफलता की प्राप्ति का योग माना जाता है। शिव योग के बाद सिद्ध योग बनेगा।
- रवि योग: यह योग भी शुभ माना जाता है। इसे विशेष रूप से पूजा और अनुष्ठानों के लिए प्रभावी माना जाता है। यह योग सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
करें ये उपाय
- गणेश भगवान को सिंदूर चढ़ाएं और दूर्वा अर्पित करें।
- पूजा के दौरान गणेशजी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
- ‘ऊँ गं गणपते नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें और गणेशजी की विधिवत पूजा करें।
- शमी के पेड़ की पूजा करना भी इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
- धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गणेशजी के समक्ष चौमुखी दिया जलाएं। इससे कर्ज से मुक्ति मिल सकती है और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
इन नियमों का करें पालन
- व्रत के दौरान अन्न का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित होता है। केवल फल, दूध, और अन्य फलाहार सामग्री का सेवन किया जा सकता है।
- व्रत का समापन चन्द्रास्त के समय चंद्र देवता को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल चन्द्रास्त का समय 9:58 बजे रात को है। इस समय चंद्र देवता को अर्घ्य दें और व्रत को खोलें।
- व्रत के दिन गणेशजी की विधिवत पूजा करें और ‘ऊँ गं गणपते नमः’ मंत्र का जाप करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)