सिंगल लोगों का वैलेंटाइन डे, जानिए क्या है International Quirkyalone Day

अगर आप सिंगल हैं, किसी रोमांटिक रिलेशनशिप में नहीं हैं तो भी 14 फरवरी को आप जश्न मना सकते हैं। ये है अकेलेपन का जश्न, आत्म प्रेम का जश्न और बाकी सारे अन्य प्रकार के प्रेम का जश्न। अंतर्राष्ट्रीय क्विर्कयालोन दिवस इसी बात को प्रोत्साहित करता है कि अकेले रहना भी उतना ही सुंदर हो सकता है और एकाकीपन भी बेहद खूबसूरत होता है।

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International Quirkyalone Day : फरवरी का महीना यानी प्यार का महीना। इसी महीने आता है वैलेंटाइन डे और दुनियाभर में लोग इस दिन का इंतज़ार करते हैं। प्यार करने वाले अपने जज़्बातों का इज़हार करते हैं और जाने कितने दिल इस दिन एक हो जाते हैं। लेकिन उनका क्या जो सिंगल हैं। आखिर वो इस दिन क्या करें? तो इस बात का भी जवाब है।

क्या है अंतर्राष्ट्रीय क्विर्कयालोन दिवस

14 फरवरी को ही मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय क्विर्कयालोन दिवस (International Quirkyalone Day) जोकि एकल लोगों को समर्पित है। ये दिन उनके लिए है जो सिंगल हैं या जिनका कोई पार्टनर नहीं है। वो इस दिन अपने एकाकीपन का जश्न मना सकते हैं। इसे अकेले या फिर दोस्तों अथवा परिवारजनों के साथ भी मनाया जा सकता है।

हालांकि इसके नाम से ऐसा प्रतीत हो सकता है कि यह वैलेंटाइन दिवस का विरोधी दिन है जिसे अकेले बिताया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि, यह वैलेंटाइन डे का एक कम व्यावसायिक विकल्प है और इसे अकेले या दूसरों के साथ मनाया जा सकता है। यह आत्म-प्रेम के साथ साथ रोमांटिक, आदर्शवादी और पारिवारिक प्रेम का भी जश्न मनाता है और इसे कैसे मनाया जाना चाहिए, इसके बारे में ज्यादा तय नियम नहीं हैं।

इस तरह हुई शुरुआत

क्विर्कयालोन डे की स्थापना 2003 में “क्विर्कयालोन: ए मेनिफेस्टो फॉर अनकॉम्प्रोमाइजिंग रोमान्टिक्स” की लेखिका साशा कैगेन द्वारा की गई थी। उन्होने इस असामान्य शब्द ‘क्विर्क्यलोन’ को गढ़ा था। उन्होंने ‘क्विर्क्यलोन’ को परिभाषित किया है “एक ऐसा व्यक्ति जो अकेले रहते हुए भी संपूर्ण महसूस कर सकता है या संपूर्ण महसूस करने की आकांक्षा रखता है और इसलिए अंधाधुंध डेटिंग करने के बजाय सही व्यक्ति के आने का इंतजार करना पसंद करता है। अकेलेपन और दोस्ती की समान खुराक का आनंद लेना, स्वतंत्रता और संभावना की ओर आकर्षित होना।” यह व्यक्तिगत संतुष्टि का दर्शन है। कैगेन का मानना ​​था कि वैलेंटाइन डे का बहुत अधिक व्यावसायीकरण हो गया है, जिससे रोमांस का एक कृत्रिम संस्करण तैयार हो गया है। यही कारण है कि उन्होंने क्विर्कयालोन डे बनाया।आज दुनिया भर के कई देशों में इसे मनाया जाता है।

अकेलेपन का जश्न मनाने का दिन

ये वो दिन है जब हम अकेलेपन की अदम्य, प्रफुल्लित करने वाली, गौरवपूर्ण भावना का जश्न मनाते हैं। ऐसे व्यक्ति जो अकेले रहना पसंद करते हैं, लेकिन वो किसी रिश्ते में रहने का विरोध करना नहीं है। बस ऐसे शख्स को अपने लिए डेटिंग पसंद नहीं लेकिन इसका अर्थ प्रेम-विरोधी होना नहीं है। यह प्रेम समर्थक है और खुद से प्रेम करना भी इसी बात का प्रतीक है। IQD आत्म प्रेम, स्वतंत्रता और अपने व्यक्तित्व को मनाने का उत्सव है। यह  स्वतंत्रता, रचनात्मकता, दोस्ती और सभी प्रकार के प्यार का जश्न मनाता है जिसमें खुद के लिए प्यार भी शामिल है।

कई बार अपने अकेलेपन का जश्न मनाने का सबसे बड़ा प्रतिरोध भी अक्सर भीतर से ही आता है। हम अपने बारे में बहुत सारे निर्णय लेते हैं और हमारा जीवन कैसा दिखना चाहिए बजाय इसके कि हम अभी कौन हैं, इसका जश्न मनाएं। इसीलिए क्विर्कयालोन डे हमेशा “खुद से प्यार करें” की सीख देता रहा है। सिंगल लोगों के लिए यह दिन इस बात को याद दिलाने के लिए बनाया गया है कि आप अपने आप में ठीक हैं और रोमांटिक प्रेम के अलावा और भी प्रकार के प्यार हैं जिनसे जीवन खूबसूरत बनता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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