महात्मा विदुर की इस एक बात का रखें ध्यान, हर कोई बनना चाहेगा आपके जैसा

Vidur Niti: महात्मा विदुर की एक गहरी और प्रभावशाली बात है, जिसे अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में अपार सफलता हासिल कर सकता है। उनकी यह शिक्षा न केवल जीवन को सही दिशा देती है, बल्कि इंसान की सोच और व्यवहार को भी एक नई ऊंचाई पर ले जाती है।

भावना चौबे
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Vidur Niti

Vidur Niti: जिन भी लोगों ने महाभारत देखो है या फिर महाभारत के बारे में सुना है, उन लोगों को अच्छे से पता होगा कि विदुर नीति क्या होती है। विदुर नीति महाभारत का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो महात्मा विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच हुए संवाद पर आधारित है। इसमें जीवन जीने के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत और मूल्य दिए गए हैं जो सफलता की दिशा में मदद करते हैं।

विदुर नीति में जीवन के हर पहलू पर विचार विमर्श किया गया है, चाहे वह शासन नीति या व्यक्तिगत आचार व्यवहार हो। महात्मा विदुर की यह शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक है और किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में इन्हें अपनाकर सफलता की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।

महात्मा विदुर की दृष्टि में सच्चे ज्ञानी की पहचान

महात्मा विदुर का मानना था कि जो व्यक्ति अपनी असल योग्यता को पहचानता है और उसका सही स्थान पर उपयोग करता है, वही सच्चा ज्ञानी होता है। उनका कहना था कि इसे व्यक्ति में हर चुनौती का सामना करने की क्षमता होती है और वह कभी अपने लक्ष्य से भटकता नहीं है।

जब कोई व्यक्ति अपनी ताकत और कमजोरी को समझ कर अपनी क्षमता का सही दिशा में उपयोग करता है, तो वह किसी भी परिस्थिति में सफलता प्राप्त कर सकता है। यह शिक्षा हर व्यक्ति को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और अपने रास्ते पर स्थिर रहने की प्रेरणा देती है।

महात्मा विदुर की नजर में मूर्ख व्यक्ति की पहचान

महात्मा विदुर ने सच्चे ज्ञानी के साथ-साथ मूर्ख व्यक्ति की भी परिभाषा दी है। उनके अनुसार मूर्ख वह व्यक्ति है, जो बिना बुलाए किसी के घर में घुस आता है या फिर बिना समझे सोचे बोल पड़ता है।

ऐसे व्यक्ति की बातें और उसके आचरण से न सिर्फ दूसरों को परेशानी होती है, बल्कि वह अपने आसपास के वातावरण को भी बिगाड़ता है। विदुर जी का कहना है कि ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर होता है, क्योंकि उनकी बातों और व्यवहार से केवल नकारात्मकता फैलती है।

धन और कार्य से जुड़ी महात्मा विदुर की महत्वपूर्ण शिक्षा

महात्मा विदुर ने अपनी नीति में यह महत्वपूर्ण शिक्षा दी है, कि ऐसा धन कभी नहीं अर्जित करना चाहिए जो मन और शरीर को कष्ट पहुंचाएं, या फिर इसके लिए धर्म का उल्लंघन करना पड़े।

उनका मन था कि सत्य और धर्म के मार्ग से भटककर किसी भी कार्य को करना उचित नहीं है। साथ ही विदुर जी ने यह भी कहा कि ऐसे कार्यों से बचना चाहिए जिसमें किसी शत्रु के सामने झुकने की स्थिति बन जाए।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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