योग के समय का ध्यान रखना भी है जरूरी, गलत समय किया योग तो फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

Amit Sengar
Published on -

जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। योगासन करने के कितने फायदे हैं ये सभी जानते हैं। लेकिन ये कभी कभी नुकसानदायी भी हो सकता है। योग से जुड़ा एक गलत फैसला आपको फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। ये फैसला है योग के समय को लेकर। योगा करने से पहले ये जान लेना बहुत जरूरी है कि इसका सही समय क्या है। सुबह या शाम जब भी योग करें। उस समय के अनुसार आपके भोजन का समय भी निश्चित होना चाहिए। उसी पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है कि योग आपके लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदायी।

कौन सा समय है बेहतर?
योग करने के लिए वैसे तो सभी समय अनुकूल होते हैं। लेकिन ऐसा समय चुनना ज्यादा बेहतर होगा जब आप शांत चित्त होकर योग कर सकें। चूंकि योग करते समय सांस जोर से खींचते हैं इसलिए सुबह की ताजी हवा में योग करने की सलाह दी जाती है। शाम को योग करें तो सारे कामों से फ्री होने के बाद ही करें ताकि शांत दिमाग से योग कर सकें। इसके साथ ही खाना खाने के समय का भी ध्यान रखें। खाने खाने के कम से कम दो घंटे बाद ही योग करें। तब ही आपको योग करने का पूरा फायदा मिल सकेगा। अब ये भी जान लीजिए कि किस वक्त कौन सा योग करना ठीक होगा।

सुबह करें ऐसे योग
सुबह के समय अगर योग करते हैं तो ऐसे आसान शामिल करें। जिसमें आगे पीछे और दाएं बाएं झुकना हो। सुबह योग करने वालों को सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए। योग खत्म करने से पहले प्राणायाम और ध्यान जरूर करें।

शाम को करें ये योग
शाम के समय योग करते हैं तो ऐसे आसन चुनें जो शरीर को रिलेक्स करें। शाम को शरीर को ज्यादा ऊर्जा देने वाले योग न करें। इसका असर रात की नींद पर पड़ सकता है। शाम को ऐसे योगासन किए जाने चाहिए जिसमें शरीर स्ट्रेच होकर दिनभर की थकान दूर हो जाए।

कितनी देर करें योग?
वैसे तो अपनी दिनभर की व्यस्तता के आधार पर योग के लिए समय निकाला जाना चाहिए। अगर आपके पास वक्त है तो आप दो घंटे तक योग कर सकते हैं। ये ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है कि जो समय और जितना समय आप तय करें उतना नियमित रूप से योग कर सकें। निरंतरता नहीं होगी तो योग के फायदे भी नहीं मिलेंगे।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News