Merry Christmas : सांता क्लाज़ को चिट्ठी, इस देश में छिपा दी जाती है झाड़ू, जानिए क्रिसमस से जुड़ी अजब गजब परंपराएं

क्रिसमस का त्यौहार दुनियाभर में उत्साह और खुशियों का प्रतीक है। बच्चे इस दिन का खास इंतज़ार करते हैं क्योंकि सांता क्लॉज़ उनके लिए ढेर सारे उपहार लेकर आता है। इस दिन को लेकर दुनियाभर में कई तरह की प्रथाएँ और रीति-रिवाज हैं, जो लोगों की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित हैं। अब ये त्यौहार सिर्फ ईसाई धर्म के अनुयायी ही नहीं मनाते, बल्कि अन्य धर्मों और संस्कृतियों में भी इसे एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

Shruty Kushwaha
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Merry Christmas : क्रिसमस के लिए बस दो दिन बचे हैं और दुनियभर में इसे लेकर ज़ोर शोर से तैयारियां चल रही हैं। ये ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है जो हर साल 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन पर मनाया जाता है। ये दिन न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि अब दुनिया भर में सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से भी एक बड़ा पर्व बन चुका है। इस दिन को लेकर दुनियाभर में कई तरह की परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।

आम तौर पर क्रिसमस पर घरों और सार्वजनिक स्थानों पर क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा है। इसपर रंगीन लाइट्स, स्टार्स और बहुत सारा डेकोरेशन किया जात है। क्रिसमस के दिन लोग अपने दोस्तों और परिवारजनों को उपहार देते हैं, जो प्रेम और शुभकामनाओं का प्रतीक होते हैं। लोग इस दिन अपने प्रियजनों के लिए खास तोहफे चुनते हैं। इसी के साथ सांता क्लॉज़ भी आते हैं, जो बच्चों को उपहार देते हैं। हालाँकि ये एक काल्पनिक पात्र है, लेकिन इस त्यौहार का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

Christmas : खुशियों का त्यौहार

क्रिसमस अब सिर्फ ईसाई समुदाय तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि खुशियों का उत्सव बन गया है जिसे अलग अलग धर्मों के लोग भी उत्साह के साथ मनाते हैं। दुनिया भर के विभिन्न देशों में यह त्योहार विभिन्न परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। वहां की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार ये पर्व मनाया जाता है। ये दिन लोगों को आपस में जोड़ता हैं और इसे लेकर दुनियाभर कई दिलसचप प्रथाएं भी हैं। आज हम कुछ ऐसी ही रोचक बातें जानेंगे।

क्रिसमस से जुड़ी रोचक परंपराएं

1. झाड़ू छिपाना : नॉर्वे में क्रिसमस के दिन लोग अपने घरों के झाड़ू और पोंछे को छिपा देते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी आत्माएं झाड़ू के ज़रिए घर में नहीं आ पाएंगी।यहां लोगों का मानना है कि क्रिसमस के दिन बुरी आत्माएं धरती पर लौट आती हैं और अगर झाड़ू को छुपाया न जाए, तो बुरी आत्माएं और चुड़ैलें उन्हें चुराकर ले जाती हैं। इस परंपरा को ‘झाड़ू छिपाना’ या ‘जुलाफ़्टेन’ कहते हैं और ये लंबे समय से चली आ रही है।

2. मकड़ी के जाल से सजावट : यूक्रेन में क्रिसमस ट्री को मकड़ी के जालों से सजाया जाता है. यह परंपरा एक लोककथा से जुड़ी हुई है। किंवदंती के अनुसार, एक गरीब महिला के पास क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए पैसे नहीं थे। क्रिसमस इव पर उस पेड़ पर मकड़ियों ने चारों ओर अपने जाल बुन दिए। क्रिसमस की सुबह जब बच्चे उठे तो वो पेड़ मकड़ी के जालों से ढका हुआ था और जाल सोने और चांदी में बदल गया, जिससे परिवार की किस्मत चमक उठी। इसीलिए यूक्रेन में क्रिसमस ट्री पर मकड़ी के जाले और मकड़ियों को लगाना शुभ माना जाता है।

3. पराली की बकरी : स्वीडन के गैवले शहर में एक विशाल पराली की बकरी बनाई जाती है, जिसे क्रिसमस के प्रतीक के रूप में शहर के चौराहे पर खड़ा किया जाता है। इसे गैवले बकरी कहते हैं और ये पारंपरिक स्कैंडिनेवियाई क्रिसमस प्रतीक है।

4. केएफसी के साथ जश्न : जापान में क्रिसमस KFC के चिकन बकेट के बिना पूरा नहीं होता। यह परंपरा 1970 के दशक में एक विज्ञापन के जरिए शुरू हुई और फिर जापानी परिवारों के लिए केएफसी के व्यंजनों के साथ क्रिसमस मनाने की परंपरा ही शुरु हो गई। जापान में क्रिसमस पर केएफ़सी खाने की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने ‘कुरीसुमासु नी वा केंटक्की’ यानी ‘क्रिसमस के लिए केंटकी’ नाम का मार्केटिंग अभियान चलाया था जो बहुत फेमस हुआ। अब वहां लोग क्रिसमस के लिए कई महीने पहले ही केएफसी में प्री-ऑर्डर कर देते हैं।

5. बारह तरह के व्यंजन : पोलैंड में क्रिसमस ईव यानी विगिलिया पर 12 तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं। इन व्यंजनों को नए साल के 12 महीनों के लिए प्रतीक माना जाता है और मान्यता है कि हर व्यंजन खाने से अगले साल सौभाग्य मिलता है. कुछ कैथोलिक मानते हैं कि ये 12 व्यंजन यीशु के 12 शिष्यों का प्रतीक हैं।

6. पिनाटा फोड़े की परंपरा : मेक्सिको में, क्रिसमस के दौरान पिनाटा फोड़ने की परंपरा है। यह खेल बच्चों के बीच लोकप्रिय है, जिसमें वे आंखों पर पट्टी बांधकर पिनाटा को तोड़ने का प्रयास करते हैं। पिनाटा मिट्टी या कार्डबोर्ड से बना होता है और इसे चमकीले रंगों से सजाया जाता है। पिनाटा आम तौर पर तारे के आकार का होता है और इसमें सात बिंदु होते हैं। ये बिंदु सात प्रमुख पापों का प्रतीक माने जाते हैं। पिनाटा के अंदर मिठाइयां, फल, और छोटे खिलौने होते हैं और बच्चे आँख पर पट्टी बाँधकर इन्हें फोड़ते हैं।

7. सांता क्लॉज़ को चिट्ठी :  ऐसा माना जाता है कि कनाडा में सांता क्लॉज़ का घर है और क्रिसमस पर यहां पोस्ट के ज़रिए उन्हें चिट्ठियां भेजी जाती हैं। इस गांव में सांता का पोस्ट ऑफिस भी है, जहां दुनिया भर से लोग चिट्ठियां भेजते हैं। मान्यता है कि सांता क्लॉज़ का घर नॉर्थ पोल में है, जोकि कनाडा के उत्तरी हिस्से में है। हालांकि यह एक काल्पनिक स्थान है, लेकिन कनाडा के कई स्थानों पर सांता क्लॉज़ को लेकर कई तरह के आयोजन होते हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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